
मोहनलालगंज तहसील में शनिवार को हुए समाधान दिवस में जिलाधिकारी (DM) विशाख जी ने एक अहम कार्रवाई की। उन्हें शिकायत मिली थी कि अभी तक 64 बुजुर्गों से वृद्धावस्था पेंशन की वसूली नहीं हो पाई है। यह मामला अगस्त में सामने आया था, जिसकी जाँच पिछले जिला समाज कल्याण अधिकारी (DSWO) अंजनी कुमार को दी गई थी। DSWO ने सभी की पेंशन तो रद्द कर दी, पर वसूली में देरी होने पर DM ने उन्हें कारण बताओ नोटिस (Show Cause Notice) जारी कर तुरंत इस देरी की वजह पूछी है।
फर्जी आवेदकों से वसूले जायेगे पैसे
सरकार की जाँच के बाद पता चला कि कई लोगों ने पेंशन का लाभ लेने के लिए उम्र, आधार कार्ड या आय प्रमाण पत्र में गलत जानकारी दर्ज की थी। वृद्धावस्था पेंशन के नियमों में वसूली का कोई नियम नहीं है, अब जिलाधिकारी (DM) के निर्देश के बाद इन फर्जी आवेदकों से गलत तरीके से ली गई पेंशन की राशि वसूली जाएगी।
पेंशन के लिए बायोमेट्रिक सत्यापन अनिवार्य
जो लोग धोखाधड़ी करके पेंशन का लाभ लेते है, अब ऐसा करना आसान नहीं होगा। 2024 से सभी डाक्यूमेंट्स को आधार कार्ड से लिंक कर दिए गए है। पहले सिर्फ दस्तावेज़ स्कैन करके आवेदन हो जाता था और बैंक स्टेटमेंट के आधार पर पेंशन तय हो जाती थी, लेकिन अब बायोमेट्रिक सत्यापन के बिना ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ेगी। इस नियम से यह तय हो जायेगा कि कोई भी फर्जी दस्तावेज़ का इस्तेमाल न कर सके।
बुजुर्गों को हर साल दी जाती है ₹12,000 की आर्थिक सहायता
समाज कल्याण विभाग की तरफ से देशभर के बुजुर्गों को आर्थिक सहायता देने के लिए हर महीने 1000 रूपये की पेंशन दी जाती है, यानी की हर साल 12000 रूपये की राशि दी जाती है। इन बुजुर्गों में कई ऐसे हैं जो बेहद गरीब हैं, झोपड़ी में रहते हैं और मज़दूरी करके गुज़ारा करते हैं, जिस कारण उनसे वसूली करना विभाग के लिए एक बड़ी चुनौती है। साथ ही, इन लोगों के पेंशन आवेदन करने वाले जन सुविधा केंद्रों और लोकवाणी के कर्मचारियों की भूमिका की भी जाँच की जा रही है।