
सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें दावा किया गया है कि ईरान के वैज्ञानिक अलाअद्दीन कासेमी ने एक ऐसी कार बना दी है जो पेट्रोल-डीजल की जगह पानी से चलती है! यह बात हैरान करने वाली है! वैज्ञानिक का दावा है कि उनकी कार का 60 लीटर का टैंक एक बार में 900 किलोमीटर तक या लगभग 10 घंटे तक चल सकता है। हालांकि कई विशेषज्ञों ने इस दावे पर शक जताया है।
19 अक्टूबर 2025 को पोस्ट किया वीडियों
यह वीडियो 19 अक्टूबर 2025 को X (पहले ट्विटर) पर @ShivrattanDhil1 हैंडल से डाला गया था। खबर लिखे जाने तक, इस वीडियो को 62 हज़ार लोगों ने लाइक किया और लाखों बार देखा जा चुका है। इसके अलावा, 13 हज़ार यूज़र्स ने इसे दोबारा पोस्ट किया (रीपोस्ट किया) और 4 हज़ार से ज़्यादा लोगों ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है।
An Iranian scientist claims he's built a car that runs on nothing but water. The inventor says the vehicle uses a process to split water into hydrogen and oxygen, then burns the hydrogen to power the engine allegedly traveling 900 km on 60 liters! God save his life 👍🏻 pic.twitter.com/7Am2x716Gi
— Rattan Dhillon (@ShivrattanDhil1) October 19, 2025
60 लीटर पानी से 900 km चलेगी कार
एक व्यक्ति ने सोशल मिडिया पर एक पोस्ट शेयर किया, जिसमें दावा है कि एक ईरानी वैज्ञानिक ने पानी से चलने वाली कार बना ली है। उनके अनुसार, यह कार पानी को हाइड्रोजन और ऑक्सीजन में तोड़ती है, और फिर इंजन को चलाने के लिए हाइड्रोजन का इस्तेमाल करती है। बताया जा रहा है कि यह कार केवल 60 लीटर पानी में 900 किलोमीटर तक की दूरी तय कर सकती है।
Grok ने दी जानकारी
जब एक यूजर ने Grok AI से ‘पानी से चलने वाली कार’ की खबर की सच्चाई पूछी, तो Grok ने बताया कि यह दावा अलाउद्दीन कासेमी के 2016 के प्रदर्शन से जुड़ा है। उस समय, तेहरान टाइम्स जैसी मीडिया ने रिपोर्ट किया था कि यह कार पानी को हाइड्रोजन और ऑक्सीजन में तोड़कर बिजली बनाती है, और 60 लीटर पानी में 900 किलोमीटर तक बिना प्रदूषण के चल सकती है।
हालांकि, विज्ञान के नियम बताते हैं कि ऐसा करना संभव नहीं है। पानी तोड़ने में जितनी ऊर्जा लगती है, उससे कम ऊर्जा ही हाइड्रोजन से वापस मिलती है। इस दावे का कोई पुख्ता प्रमाण, स्वतंत्र जांच या पेटेंट अभी तक नहीं मिला है। इसलिए, कुछ जानकार इसे झूठा भी मानते हैं। वीडियो में भले ही कार को थोड़ी दूर चलते हुए दिखाया गया हो, लेकिन इसका पूरी तरह सच होना अभी साबित नहीं हुआ है।