
भारत के विभिन्न राज्यों में अनगिनत कैदी बंद है, हालाँकि देश में विदेशी कैदियों की संख्या में भी बढ़ोतरी देखी जा रही है। हाल ही में राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की एक रिपोर्ट ने इसका खुलासा किया है। एनसीआरबी की Prison Statistics India 2023 रिपोर्ट के अनुसार पश्चिम बनागल देश में सबसे अधिक विदेशी कैदियों को रखने वाला राज्य बन गया है। जिसके कारण देश की जेलों में कैदियों की संख्या बढ़ने से ओवरक्राउडिंग, कानूनी चुनौतियाँ भी अधिक बढ़ रही है।
रिपोर्ट के अनुसार पश्चिम बंगाल की जेलों में कुल 2,508 विदेशी कैदी बंद हैं, इनमें 796 लोग अभी सजा काट रहे है। जबकि 1,499 कैदी अंडरट्रायल यानी जिनपर मुकदमा चल रहा है ऐसे है। राज्य में कैदियों की यह संख्या अन्य बड़े राज्य जैसे दिल्ली, उत्तर प्रदेश और महराष्ट्र से भी अधिक है।
पश्चिम बंगाल में कैदियों की बढ़ती संख्या
पश्चिम बंगाल जो विदेशी कैदियों की संख्या बढ़ोतरी वाला सबसे पहला राज्य बन गया है, यहाँ सबसे बड़ी संख्या बांग्लादेश से आने वाले लोगों की है। जिसके बाद कुछ कैदी म्यांमार से हैं जो भारत में अवैध प्रवेश के आरोप में गिरफ्तार किए गए हैं, इनमें 204 विदेशी महिलाऐं और 12 ट्रांसजेंडर कैदी भी सजा काट रहे हैं। इन कैदियों में अधिकतर 18 से 30 वर्ष की आयु के बीच के लोग हैं। रिपोर्ट के अनुसार राज्य की जेलों में 120 प्रतिशत से अधिक ओवरक्राउडिंग है। राज्य के जिलों की जेलों में 158 प्रतिशत तक ऑक्युपेंसी है जबकि उप जिलों की जेल में यह आंकड़ा 176 प्रतिशत तक पहुँच गया है।
अन्य राज्य के जेलों की स्थिति
देश के अन्य राज्यों की बात करें तो पश्चिम बंगाल के अलावा दूसरे राज्यों में महाराष्ट्र विदेशी कैदियों की संख्या के मामले में दूसरे स्थान पर है, महाराष्ट्र में 773 विदेशी कैदी, जबकि दिल्ली में 751 विदेशी कैदी जेलों में बंद है वहीँ उत्तर प्रदेश में 481 विदेशी कैदी जिलों में बंद है। एनसीआरबी की रिपोर्ट की माने तो देशभर की जेल में अंडर ट्रायल कैदियों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। कई विशेषज्ञों की माने तो विदेशी कैदी बांग्लादेश सीमा के पास गिरफ्तार तो होते हैं लेकिन ट्रायल में देरी या डिपोर्टेशन की प्रक्रिया धीमी होने के कारण कैदी साल भर जेल में भी रहते हैं, जिसके चलते जेलों में भीड़ बढ़ती जा रही है।