आजकल अमेरिका में ट्रंप के बयान की चर्चा की जा रही है। अमेरिकी सेना के हजारों सिख और मुस्लिम इस बात को लेकर काफी नज़र आ रहें हैं। अब से ये लोग दाढ़ी नहीं रख पाएंगे और यह आदेश डोनाल्ड ट्रंप सरकार ने लिया है। हाल ही में अमेरिकी रक्षा मंत्री पीट हगसेथ ने घोषणा की है जिसके बाद पेंटागन ने एक मेमो जारी किया है। अब फिर से सेना में 2010 से पहले के सख्त नियम लागू किए जाएंगे। धार्मिक सैनिक अब इस बात से काफी नाराज दिखाई दे रहें हैं।

ट्रंप ने दाढ़ी बैन करने का दिया आदेश
नए आदेश के तहत सेना में सिपाही अब अपने चेहरे पर मूछ या दाढ़ी नहीं रख सकते हैं। अब सरकार पिछले नियमों पर मिले छूट को खत्म कर रही है। 2017 में धार्मिक आधार पर दाढ़ी, पगड़ी और अन्य प्रतीक रखने के लिए सैनिक को मंजूरी मिल गई थी। लागू करने के लिए समय सीमा को भी निर्धारित किया गया है। सभी सैन्य यूनिट्स 60 दिनों के अंदर योजना बनाएंगे फिर 90 दिन में इसे पूरे तरीके से लागू किया जाएगा। मिशन स्पेशल ऑपरेशंस फोर्सेज के तहत अस्थायी छूट मिल सकती है। लेकिन क्लीन शेव मिशन से पहले करना होगा। इसके अलावा सेना में जितने भी मोटे जनरल हैं उन्हें वजन घटाने का आदेश दिया गया है।
धार्मिक और सिख सैनिकों का विरोध
यह फैसला दाढ़ी प्रतिबंध करने के लिए लिया गया है जिससे सैनिक काफी चिंतित हो गए हैं। सरकार धार्मिक सैनिकों को उनके धर्म को चुनौती दे रही है और वे अपने करियर को लेकर काफी डर गए हैं।
इस फैसले का कड़ा विरोध द दिख कोएलिशन ने लिया है और नाराजगी व्यक्त की है। यह फैसला उनके धर्म को ठेस पहुंचाएगा और उन्हें अलग थलग कर देगा। उनके साथ यह बहुत बड़ा अन्याय हो रहा है। सिख सैनिक सोशल मीडिया पर इस फैसले की कड़ी निंदा कर रहें हैं और पोस्ट करके अपना दर्ज बता रहें हैं।
दाढ़ी पर प्रतिबंद के पीछे क्या तर्क है?
रक्षा मंत्री ने दाढ़ी बैन करने के पीछे के कारण को बताय है। यह सैनिक की सुरक्षा के लिए ही लिया गया है। अगर किसी सैनिक की दाढ़ी है तो उसे गैस मास्क फिट करने में दिक्क्त हो सकती है और प्रभावी इस्तेमाल में रूकावट भी आ सकती है। इसके साथ ही यह फैसला एकरूपता को उजागर करेगा। यूनिट में एकरूपता आएगी और सैन्य अनुशासन बना रहेगा।