
सर्दी शुरू होते ही दिन छोटे होने लग जाते है। यह मौसमी बदलाव, जिसे डेलाइट सेविंग टाइम (DST) कहते हैं, हमारे हर दिन के समय को कुछ समय के लिए बदल देता है। हालांकि यह सौ साल से अधिक समय से चला आ रहा है, लेकिन इसकी जरूरत और फायदे पर हमेशा बहस होती रही है।
Daylight Saving Time 2025 क्या होता है ?
डेलाइट सेविंग टाइम (DST) गर्मी के महीनों में घड़ियों को एक घंटा आगे बढ़ाने की प्रक्रिया है ताकि शाम को ज़्यादा देर तक सूरज की रोशनी मिल सके। वसंत में घड़ी को एक घंटा आगे किया जाता है ‘spring forward’ और पतझड़ में एक घंटा पीछे किया जाता है। इसका मुख्य कारण यह है कि प्राकृतिक रोशनी का ज़्यादा से ज़्यादा उपयोग किया जाए, ताकि ऊर्जा की बचत हो सकें। हालांकि इसके फ़ायदों के बावजूद, DST से स्वास्थ्य और काम की उत्पादकता पर पड़ने वाले असर को लेकर दुनिया भर में बहस जारी है।
समय में बदलाव की तैयारी
Daylight Saving Time (DST) का उपयोग 100 साल से पहले किया जा रहा है, इसका श्रेय बेंजामिन फ्रैंकलिन को दिया जाता है, जिन्होंने कहा था कि अगर हम रोज के काम का समय बदल दें, तो रात में मोमबत्ती कम जलानी पड़ेगी। इसे सबसे पहले पहले विश्व युद्ध के दौरान जर्मनी ने लागू किया था ताकि वे ईंधन बचा सकें। जल्द ही, बाकी देशों ने भी यही किया और अमेरिका में भी यह कानूनन लागू हो गया। हालांकि अब कई देशों में यह आम है, पर आज भी इसे लागू करना या न करना हर जगह की सरकार और वहाँ के भूगोल पर निर्भर करता है।
दुनिया के इन देशों में ख़त्म होगा DST
क्षेत्र | DST समाप्ति की तारीख (2025) |
संयुक्त राज्य अमेरिका | 2 नवंबर, 2025 |
कनाडा | 2 नवंबर, 2025 |
यूरोपीय संघ | 26 अक्टूबर, 2025 |
ऑस्ट्रेलिया (NSW, VIC, SA, TAS) | 6 अप्रैल, 2025 |
ब्राजील | DST नहीं है |
भारत | DST नहीं है |
अमेरिका में हवाई, एरिज़ोना के अधिकतर हिस्से और कनाडा में सस्केचेवान जैसे कुछ क्षेत्र DST नहीं मनाते हैं।