मशहूर यूट्यूबर अजीत भारती को नोएडा पुलिस ने हिरासत में लेकर पूछताछ की है। यह मामला भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) बी.आर. गवई पर की गई एक भड़काऊ टिप्पणी से जुड़ा है, जिसके बाद सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई है।

क्या है पूरा मामला?
यह पूरा विवाद सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में हुई एक घटना के बाद शुरू हुआ। कोर्ट में सुनवाई के दौरान, राकेश किशोर नाम के एक वकील ने ‘सनातन का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान’ का नारा लगाते हुए CJI बी.आर. गवई की तरफ जूता फेंकने की कोशिश की थी।
इस घटना के बाद, यूट्यूबर अजीत भारती ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट और यूट्यूब चैनल पर इस पर टिप्पणी की। पुलिस के अनुसार, उनकी टिप्पणियां बेहद भड़काऊ और आपत्तिजनक थीं।
अजीत भारती पर क्या हैं आरोप?
आरोप है कि अजीत भारती ने इस घटना को सही ठहराते हुए और भी भड़काऊ बातें कहीं। अपने एक ट्वीट में उन्होंने कथित तौर पर लिखा, “यह आरंभ है। ऐसे पतित, हिन्दू विरोधी और कायर जजों के साथ सड़कों पर भी ऐसा ही होगा। यदि वे आदेश में लिखी जाने वाली बातों से इतर अपने विषैले हृदय के उद्गार, हिन्दुओं को नीचा दिखाने के लिए प्रकट करेंगे।”

इसी टिप्पणी को न्यायपालिका के खिलाफ नफरत फैलाने वाला और समाज में अशांति पैदा करने वाला मानते हुए पुलिस ने यह कार्रवाई की है। अजीत भारती को पहले नोएडा के सेक्टर-58 थाने ले जाया गया और बाद में डीसीपी ऑफिस में उनसे लंबी पूछताछ की गई।
समर्थकों ने उठाए ‘अभिव्यक्ति की आजादी’ पर सवाल
अजीत भारती की हिरासत की खबर फैलते ही उनके समर्थक सक्रिय हो गए। सोशल मीडिया पर कई लोग इसे ‘अभिव्यक्ति की आजादी’ (Freedom of Expression) पर हमला बता रहे हैं और उनकी तत्काल रिहाई की मांग कर रहे हैं।
वहीं, पुलिस इस मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए हर एंगल से जांच कर रही है। अधिकारियों का कहना है कि पूरी पूछताछ और जांच के बाद ही आगे की कार्रवाई पर कोई फैसला लिया जाएगा।