
दिवाली से पहले देश के गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों को बड़ा झटका लगा है। उत्तर प्रदेश में बिजली की दरें बढ़ाने के मामले में ऊर्जा विभाग ने नए बिजली कनेक्शन का चार्ज कई गुना बढ़ा दिया है। जहाँ पहले 1KW कनेक्शन के लिए 1032 रूपये लगते थे, वही अब इसके लिए 6400 रूपये चुकाने होंगे। यह आदेश तब आया जब केंद्र की RDSS योजना के तहत प्रीपेड मीटर मुफ्त लगने थे, जिससे लाखों परिवारों के लिए नया कनेक्शन लेना अब और भी मुश्किल हो गया है।
बिजली कनेक्शन के लिए 1.74 लाख से अधिक आवेदन हो गए
ऊर्जा विभाग के फैसलों को लेकर UP उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने बताया कि 10 सितंबर से अब तक बिजली कनेक्शन के लिए 1.74 लाख से अधिक आवेदन आ चुके हैं। इनमें से 56,251 उपभोक्ताओं को कनेक्शन दे दिया गया है, लेकिन 37,43 हज़ार ऐसे उपभोक्ता हैं जिन्होंने आवेदन तो किया, पर पैसे जमा नहीं कर पाए, जिसके कारण उन्हें कनेक्शन नहीं मिल पाया है। इसके अलावा, 23,192 उपभोक्ता ऐसे हैं जिन्होंने पैसे देने के बाद भी कनेक्शन नहीं लिया है, और करीब 34,737 आवेदन अभी भी विचाराधीन हैं।
1KW का नया बिजली कनेक्शन
उत्तर प्रदेश में 1KW का नया बिजली कनेक्शन लेना काफी महँगा हो गया है। पहले यही कनेक्शन मीटर सहित लगभग ₹1032 में मिलता था, लेकिन अब प्रीपेड मीटर के साथ इसकी कीमत ₹6400 हो गई है। इसका मतलब है कि प्रीपेड मीटर का शुल्क छह गुना से ज़्यादा वसूला जा रहा है। ऊर्जा विभाग ने 10 सितंबर को यह आदेश दिया था, जिसके कारण लगभग 37 हज़ार गरीब उपभोक्ता यह ज़्यादा पैसा जमा नहीं कर पा रहे हैं। ख़ास बात यह है कि मीटर का शुल्क अनिवार्य करने से पहले नियामक आयोग की अनुमति नहीं ली गई है।
उपभोक्ता परिषद ने ऊर्जा विभाग के फैसले की आलोचना करते हुए कहा कि स्मार्ट मीटर के नाम पर हो रही ₹6,061 की अवैध वसूली को तुरंत रोका जाना चाहिए। उनका कहना है कि इस आदेश से सरकार की छवि खराब हो रही है, क्योंकि प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और ऊर्जा मंत्री के अपने क्षेत्रों में भी लोग 6 गुना ज़्यादा यह रकम देने में सक्षम नहीं हैं।