
अक्सर हाइवे पर यात्रा के दौरान अपने हरे रंग के साइन बोर्ड जरूर देखे होंगे, यह बोर्ड हमे रास्ते की जानकारी जैसे सड़क की दूरी और दिशा-निर्देश बताने का काम करते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है की इन साइन बोर्ड का रंग हरा ही क्यों होता है। यह किसी दूसरे रंग के क्यों नहीं होते, अगर नहीं तो चलिए जानते हैं हाईवे पर बोर्ड के लिए केवल हरे रंग को ही क्यों चुना जाता है, इसके पीछे का वैज्ञानिक कारण क्या है और क्या है केवल भारत में ही मिलते हैं या अन्य देशों में भी हर रंग के साइन बोर्ड बनाए गए होते हैं।
हाईवे पर हमेशा क्यों होते हैं हरे रंग के?
भारत में बने सभी राष्ट्रिय राजमार्गों के साइनबोर्ड में आपको एक चीज समान दिखेगी वो है उनके दिशा-निर्देश स्नेक्तों का हरे रंग का होना। यह कोई संयोग नहीं है बल्कि यह रंग कुछ जरुरी कारणों को ध्यान में रखते हुए लगाया जाता है, क्योंकि हरा रंग अन्य रंगों की तुलना हमारी आँखों के लिए आरामदायक और सुखदायक माना जाता है। इससे आँखों में तनाव कम होता है और हमारी आँखों पर दबाव नहीं पड़ता। यह ड्राइवरों को थकाता नहीं है जिससे उनकी एकाग्रता बनी रहती है।
वहीं साइन बोर्ड पर हरा और सफ़ेद रंग का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे हाई कॉन्ट्रास्ट बना रहता है और खराब मौसम या अधिक दूरी से भी संदेश को आसानी से पढ़ा जा सकता है। वहीं हरा रंग अन्य रनों की तुलना में रिफ्लेक्शन के दौरान कम चकाचौंद पैदा करता है। ऐसे में रात में जब बोर्ड पर गाड़ियों की हेडलाइट्स की रौशनी पड़ती है, तो यह रंग फैलता नहीं है और इससे ड्राइवर को संदेश पड़ने में आसानी होती है।
अन्य देशों में भी लागू है यह रंग कोड
साइन बोर्ड पर लगा हरा रंग केवल भारत में ही नहीं है, बल्कि अन्य देश जैसे अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम और कई बाकि देशों में यह पैटर्न लागू होता है। राजमार्गों पर बने इन संकेतों का उद्देश्य ड्राइवर का मार्गदर्शन करना उन्हें शहरों के नाम, दिशाएं और दूरियों की जानकारी प्रदान करना है, जिससे तेज रफतार में भी हर रंग के बने बोर्ड का संकेत पढ़ना आसान हो जाता है। ऐसे में जब भी आप हाइवे पर गाडी चलाते समय इन साइन बोर्ड को देखें तो जान सकेंगे की यह आपको आपकी मंजिल तक सुरक्षित पहुँचने में मदद करेंगे।