
भारत का इतिहास कई सदियों पुराना है, यहाँ हर राज्य में अनेक धर्म और उनकी सभ्यताओं का गौरवशाली इतिहास हमे अतीत से परिचित कराता है। देश की संस्कृति और अनूठी परम्पराएँ इसे अन्य देशों से अलग बनाती है, एक समय में इसे सोने की चिड़ियाँ के नाम से जाना जाता था। जिसके पीछे का मुख्य कारण यहाँ स्थापित बड़ी-बड़ी रियासतें, संस्कृति और विरासत के प्रतीक किले भी माने जाते हैं, आज जब भी हम देश में सबसे अधिक किलों की बात करते हैं तो हमारे दिमाग में राजस्थान का नाम आता है।
लेकिन क्या आप जानते हैं भारत में किलों का बादशाह राजस्थान नहीं है, जी हाँ, सुनने में थोड़ा अजीब लगता है लेकिन यह सच है। ऐसे में अगर आप भी जानना चाहते हैं भारत का ‘किलों का बादशाह’ कौन सा राज्य है तो चलिए जानते हैं इसकी पूरी जानकारी।
किस राज्य में सबसे अधिक कीलें
बता दें, राजस्थान में 100 से अधिक कीलें मौजूद हैं, जिनमें कई कीलें यूनेस्को विश्व धरोहर सूची में शामिल है। लेकिन फिर भी इसे ‘किलों का बादशाह’ नहीं माना जाता क्योंकि देश में एक ऐसा राज्य भी है, जहाँ राजस्थान से अधिक कीलें हैं। यह राज्य है महाराष्ट्र, जहाँ भारत के सबसे अधिक कीलें मौजूद है। महाराष्ट्र में किलों को लेकर पुरातत्व विभाग की माने तो यहाँ 350 से अधिक छोटे-बड़े कीलें हैं। यहां के कीलें स्थापत्य किला और महत्तवपूर्ण इतिहास के लिए जाने जाते हैं।
महाराष्ट्र के प्रमुख किले और इनका इतिहास
महाराष्ट्र के प्रमुख किलों में रायगढ़ किला सबसे अधिक प्रमुख माना जाता है। यह किला मराठा सामराज्य की राजधानी रहा था और यही छत्रपत्ति शिवजी माहराज का राजतिलक भी हुआ था। महराष्ट्र में यह किले मराठा साम्राज्य से जुड़े हैं, जिनमें अधिकतर किलों का संबंध शिवाजी महाराज से हैं। समुद्र किनारे बने इन किलों से मराठा साम्राज्य शासन चलने के अलावा व्यापार भी करते थे।