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Property Donate Rules: क्या बेटे से नाराज होकर पिता दान कर सकते हैं पूरी प्रॉपर्टी, जानें नियम

क्या पिता अपने बेटे से नाराज होकर पूरी संपत्ति किसी और को दान कर सकते हैं? कानूनी तौर पर जानना जरूरी है कि दान करने के नियम क्या हैं और कब संपत्ति ट्रांसफर वैध मानी जाएगी। इस आर्टिकल में पढ़ें पूरी जानकारी और समझें कैसे प्रॉपर्टी डोनेट करना होगा बिना कानूनी परेशानी के।

By Pinki Negi

भारत में प्रॉपर्टी को लेकर कई वाद-विवाद के मामले सामने आते हैं, प्रॉपर्टी बटवारे को लेकर होने वाले मतभेद में कई मामले ऐसे भी होते हैं जहाँ पिता अपने बेटे से नाराज होकर उन्हें प्रॉपर्टी से बेदखल करने या प्रॉपर्टी दान करने की भी धमकी देते हैं। ऐसे में बेटे का हक छीनकर क्या पिता अपनी पूरी संपत्ति आसानी से दान कर सकता है, इसे लेकर भी लोगों के मन में सवाल बने रहते हैं, तो चलिए जानते हैं क्या है Property Donate Rules जो हर किसी को पता होना बेहद जरुरी है।

क्या है प्रॉपर्टी दान करने की प्रक्रिया

बता दें, भारत में प्रॉपर्टी दान करने से जुड़े मामलों के लिए कानून तय किए गए हैं, जिसकी अधिकतर लोगों को जानकारी नहीं होती। यदि कोई हिंदू पिता अपने बेटे से नाराज होकर प्रॉपर्टी दान करना चाहता है, तो सबसे पहले उसे यह सुनिश्चित करना जरुरी है की यह प्रॉपर्टी उसकी स्वयं अर्जित होनी चाहिए और वह इसे स्वतंत्र रूप से दान कर सकता है। वहीं अचल सम्पत्ति के लिए लिखित गिफ्ट डीड तैयार करना जरुरी है। इसमें डोनर व्यस्क, मानसिक रूप से स्वास्थ और प्रॉपर्टी पर पूरा अधिकार रखता हो, जबकि रिसीवर का दान स्वीकार भी जरुरी है।

इस डीएड पर डोनर और कम से कम दो गवाहों के हस्ताक्षर होने चाहिए और इसे जिले के उप-पंजीयक कार्यालय में रजिस्टर्ड करना जरुरी है। वहीं स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन शुल्क राज्य के नियमों के अनुसार जमा करना होता है।

ऐसे कर सकते हैं प्रॉपर्टी दान

भारत में कोई भी व्यक्ति दो तरीके पहला वसीयत और दुसरा गिफ्ट डीड, वसीयत में डोनर अपनी संपत्ति मरने के बाद किसी संस्थान या ट्रस्ट को दान देने के लिए निर्देश लिखता है। जिसमे यह साफ़ किया गया होता है इस संपत्ति पर उसकी संतान का कोई हिस्सा नहीं होगा। इसमें रजिस्ट्रेशन जरूरी नहीं है लेकिन सब-रजिस्ट्रार में रजिस्टर कराने से कानूनी तौर पर मजबूती मिलती है। गिफ्ट दीड में प्रॉपर्टी तुरंत और बिना किसी रिटर्न के हस्तांतरित होती है।

जबकि अचल संपत्ति के लिए रजिस्टर्ड गिफ्ट दीड जरुरी है और स्टांप ड्यूटी/रजिस्ट्रेशन शुल्क लागू है। इसमें दान करने वाला अपनी प्रॉपर्टी का इस्तेमाल करने की शर्त रख सकता है, फर्क केवल इतना है की वसीयत मृत्यु के बाद लागू होती है।

Author
Pinki Negi
GyanOK में पिंकी नेगी बतौर न्यूज एडिटर कार्यरत हैं। पत्रकारिता में उन्हें 7 वर्षों से भी ज़्यादा का अनुभव है। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत साल 2018 में NVSHQ से की थी, जहाँ उन्होंने शुरुआत में एजुकेशन डेस्क संभाला। इस दौरान पत्रकारिता के क्षेत्र में नए-नए अनुभव लेने के बाद अमर उजाला में अपनी सेवाएं दी। बाद में, वे नेशनल ब्यूरो से जुड़ गईं और संसद से लेकर राजनीति और डिफेंस जैसे कई महत्वपूर्ण विषयों पर रिपोर्टिंग की। पिंकी नेगी ने साल 2024 में GyanOK जॉइन किया और तब से GyanOK टीम का हिस्सा हैं।

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