
देश की महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए सरकार ने उन्हें एक खास अधिकार दिया है, वह है संपत्ति पर महिलाओं का अधिकार. इस अधिकार से महिलाओं को न केवल ताकत मिलेगी, बल्कि समाज और परिवार में उनकी इज्जत बढ़ेगी.
पत्नी की परमिशन के बिना पति उसकी संपति बेच सकता है ?
आजकल कई महिलाओ को संपति का अधिकार पता नहीं है. जब कोई प्रोपर्टी किसी महिला के नाम हो जाती है तो उस पर सिर्फ उसका हक होता है. अगर प्रोपर्टी के पेपर पत्नी के नाम पर रजिस्टर है, तो उसकी हकदार केवल महिला होगी. फिर चाहे उसे खरीदने के लिए पैसे किसी और ने क्यों न दिए हो. कानूनी रूप से उस संपति की मालिक पत्नी की मानी जाएगी. पति अपनी पत्नी की अनुमति के बिना उस प्रोपर्टी को बेच नही सकता है.
दोनों की सहमति जरूरी है
यदि कोई भी जमीन या फ्लैट पति और पत्नी दोनों के नाम पर है, तो उसे बेचने के लिए दोनों की सहमति ज़रूरी है. दोनों में से कोई एक उसे बेच नही सकता है, क्योंकि संपति पर दोनों का बराबर हक है.
प्रोपर्टी खरीदने के लिए पैसे पत्नी ने दिए, लेकिन नाम पति का ?
कई मामलों में पति और पत्नी दोनों मिलकर प्रोपर्टी खरीदते है, लेकिन रजिस्ट्रेशन में नाम केवल पति का होता है. पत्नी के पास पैसे देने का कोई सबूत नहीं होता है. ऐसी स्थिति में पत्नी के अधिकार पर सवाल उठते है. कई बार तो पत्नी का बैंक खाता भी पति ही चलाता है, जिससे उसके लिए अपने पैसे का सबूत पेश करना और भी मुश्किल हो जाता है.