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दिवाली पर पटाखा बैन खत्म? सुप्रीम कोर्ट ने दिए बड़े संकेत, इस बार शर्तों के साथ जलेंगे ‘ग्रीन’ पटाखे!

दिल्ली-NCR वालों का इंतजार खत्म होगा? सुप्रीम कोर्ट ने पटाखों पर बैन मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया है। जानिए इस दिवाली आपको आतिशबाजी का मौका मिलेगा या नहीं।

By GyanOK

दिल्ली-NCR के लोगों के लिए दिवाली से पहले एक बड़ी और उम्मीद भरी खबर आई है। हर साल दिवाली पर लगने वाले पटाखों के बैन को लेकर इस बार सुप्रीम कोर्ट का रुख थोड़ा नरम नजर आ रहा है। कोर्ट ने इस मामले पर सुनवाई पूरी कर अपना फैसला तो सुरक्षित रख लिया है, लेकिन जो संकेत मिले हैं, उससे लगता है कि इस बार दिल्ली वालों को कुछ शर्तों के साथ आतिशबाजी करने का मौका मिल सकता है।

दिवाली पर पटाखा बैन खत्म? सुप्रीम कोर्ट ने दिए बड़े संकेत, इस बार शर्तों के साथ जलेंगे 'ग्रीन' पटाखे!

कोर्ट में क्या-क्या हुआ?

चीफ जस्टिस बी.आर. गवई की बेंच के सामने यह मामला आया, तो माहौल काफी दिलचस्प हो गया। दिल्ली सरकार से लेकर पटाखा बनाने वालों तक, सबने अपनी-अपनी दलीलें रखीं।

सरकार ने सुझाया बीच का रास्ता

दिल्ली सरकार की तरफ से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि हमें एक बैलेंस्ड अप्रोच (balanced approach) अपनाने की जरूरत है, जिससे लोगों की भावनाएं भी आहत न हों और पर्यावरण का भी ध्यान रखा जा सके। उन्होंने कुछ सुझाव दिए:

  • सिर्फ सर्टिफाइड ग्रीन पटाखों को ही अनुमति दी जाए, जो कम प्रदूषण फैलाते हैं।
  • खतरनाक लड़ी वाले पटाखों पर बैन बना रहे।
  • पटाखे फोड़ने के लिए रात में 8 से 10 बजे तक का 2 घंटे का समय तय किया जा सकता है।

इस पर तुषार मेहता ने मजाकिया अंदाज में यह भी कहा कि त्योहार पर टाइमिंग की पाबंदी ठीक नहीं, क्योंकि एक घंटा तो बच्चों को अपने मम्मी-पापा को मनाने में ही लग जाता है कि वे साथ चलकर पटाखे फोड़ें।

कोर्ट का सबसे बड़ा सवाल

सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने एक बहुत ही अहम सवाल पूछा, “क्या 2018 से लगे बैन के बाद दिल्ली की हवा (AQI) में कोई सुधार हुआ है?” इस पर बताया गया कि हवा की गुणवत्ता लगभग वैसी ही है, जैसी पहले थी। इससे यह सवाल खड़ा हो गया कि क्या सिर्फ पटाखों को ही प्रदूषण का एकमात्र विलेन मानना सही है, जबकि पराली और गाड़ियों का धुआं जैसे दूसरे बड़े कारण भी मौजूद हैं।

पटाखा बनाने वालों ने क्या कहा?

पटाखा बनाने वालों ने कहा कि उन्होंने कोर्ट के ही कहने पर ग्रीन पटाखे बनाए हैं, तो अब उन्हें बेचने की अनुमति भी मिलनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि सिर्फ दिल्ली की वजह से हरियाणा, यूपी और राजस्थान के कई शहरों में बैन लगाना ठीक नहीं है, जहां प्रदूषण की समस्या उतनी गंभीर नहीं है।

अब सभी की नजरें सुप्रीम कोर्ट के फाइनल फैसले पर हैं। उम्मीद है कि इस बार कोर्ट एक बीच का रास्ता निकालेगा और दिल्ली-NCR के लोगों को एक नियंत्रित और सुरक्षित तरीके से रोशनी का त्योहार मनाने की इजाजत देगा।

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GyanOK
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