
आज के समय में जब पर्यावरण को लेकर जागरूकता तेजी से बढ़ रही है, प्लास्टिक से बने बर्तनों की जगह अब पेपर उत्पाद ले रहे हैं। इसी बदलाव ने एक ऐसा बिज़नेस खड़ा किया है जो न केवल पर्यावरण के लिए अच्छा है, बल्कि आपकी जेब भी भर सकता है पेपर कप का काम।
क्यों बढ़ रही है पेपर कप की मांग
शादी से लेकर ऑफिस इवेंट तक, हर जगह पेपर कप की जरूरत पड़ती है। चाय की दुकानों से लेकर कैफे और जूस पार्लर तक इनकी डिमांड लगातार बढ़ रही है। सरकार प्लास्टिक फ्री अभियान को बढ़ावा दे रही है, जिससे पेपर कप का बाजार और मजबूत हुआ है।
पेपर कप बायोडिग्रेडेबल सामग्री से बनते हैं, जो इस्तेमाल के बाद प्राकृतिक रूप से विघटित हो जाते हैं, जबकि प्लास्टिक सैकड़ों साल तक पर्यावरण में बना रहता है। यही कारण है कि छोटे कस्बों से लेकर बड़े शहरों तक ये बिज़नेस अब एक हॉट अवसर बन चुका है।
इस बिज़नेस की शुरुआत कैसे करें
पेपर कप बनाने के लिए सबसे पहले एक बेसिक यूनिट की स्थापना करनी होती है। इसकी शुरुआत आप एक छोटे इंडस्ट्रियल एरिया या किराए के शेड से कर सकते हैं जहां बिजली और पानी की सुविधा हो।
- मशीन: एक ऑटोमैटिक पेपर कप मेकिंग मशीन की कीमत लगभग 8 से 9 लाख रुपये तक होती है।
- कच्चा माल: इसके लिए प्रिंटेड PE कोटेड पेपर शीट, बॉटम रोल, और पैकिंग मटेरियल की जरूरत पड़ती है। औसतन 3.5 से 4 लाख रुपये में शुरुआती कच्चा माल खरीदा जा सकता है।
- अतिरिक्त खर्च: बिजली, तेल, पैकिंग, विज्ञापन, किराया और श्रमिकों का वेतन मिलाकर हर महीने लगभग 50 हजार रुपये का ऑपरेशनल खर्च अनुमानित है।
उत्पादन और बिक्री की संभावना
एक मीडियम कैपेसिटी मशीन रोजाना करीब 60–70 हजार कप तैयार कर सकती है। अगर मशीन निरंतर चलती रहे तो सालभर में लगभग 18–20 लाख पेपर कप बनाए जा सकते हैं।
मार्केट में पेपर कप की औसत थोक रेट प्रति हजार कप 2,000–2,500 रुपये होती है। उस हिसाब से पूरे साल की बिक्री 40–50 लाख रुपये तक जा सकती है। खर्चे घटाने के बाद करीब 6–9 लाख रुपये तक शुद्ध लाभ संभव है।
मार्केटिंग के तरीके
- लोकल टी स्टॉल, कैंटीन, इवेंट ऑर्गेनाइजर और कैफे से डायरेक्ट कॉन्ट्रैक्ट करें।
- ऑनलाइन B2B प्लेटफॉर्म जैसे IndiaMART या TradeIndia पर लिस्टिंग करें।
- ब्रांडेड पेपर कप तैयार कर स्थानीय दुकानों में सप्लाई शुरू करें।
- अपने शहर के होलसेल और सुपरमार्केट चैनल से जुड़कर वितरण नेटवर्क बढ़ाएं।
सरकारी सहायता और सब्सिडी
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSME) पंजीकरण करवाने पर सरकार की कई योजनाओं के लाभ उठाए जा सकते हैं। उपकरण खरीद पर सब्सिडी, बैंक से आसान लोन और प्रशिक्षण कार्यक्रम जैसी सुविधाएं राज्य सरकारें भी दे रही हैं।
सफलता के लिए विशेष सुझाव
- कप की क्वालिटी और साइजिंग पर समझौता न करें।
- पर्यावरण‑मित्र टैगलाइन के साथ ब्रांडिंग करें ताकि ग्राहकों को विश्वास मिले।
- मशीन को नियमित रूप से सर्विस कराते रहें ताकि उत्पादन निर्बाध चले।
- स्थानीय और डिजिटल मार्केटिंग दोनों पर फोकस करें।








