
देश की राजधानी दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण को देखते हुए दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने शुक्रवार को सरकारी दफ्तरों के समय में बदलाव की घोषणा की है। इस बदलाव का मुख्य उद्देश्य प्रदेश में यातायात के दबाव को कम कर सुबह-शाम के पीक प्रदूषण को नियंत्रित कर वायु की गुणवत्ता में सुधार लाना है। सरकार की यह नई व्यवस्था 15 नवंबर, 2025 से 15 फरवरी, 2026 तक लागू रहेगी। ऐसे में चलिए जानते हैं नए नियम से सरकारी दफ्तरों के समय में होने वाले बदलावों की पूरी जानकारी।
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सरकारी दफ्तरों के समय बदला
सरकार की इस नई व्यवस्था के तहत दिल्ली के सरकारी दफतर अब सुबह 10:00 बजे से शाम 6:30 बजे तक चलेंगे, जबकि नगर निगम (MCD) के ऑफिस सुबह 08:30 बजे से शाम 05:00 बजे तक खुले रहेंगे यानी अब दोनों शिफ्टों के बीच करीब डेढ़ घंटे का अंतर रहेगा। यह निर्णय प्रदूषण के बढ़ते खतरे के स्तर को देखते हुए लिया गया है, जहाँ एयर क्वालिटी इंडेक्स 400 से ऊपर बना हुआ है।
इस मामले पर अधिकारीयों का कहना है की फरवरी के बाद इसका असर देखकर आगे की पॉलिसी तय की जाएगी। यह बदलाव न केवल ट्रैफिक जमा को कम करेगा, बल्कि नागरिकों को स्वच्छ हवा उपलब्ध करवाने में भी अहम् भूमिका निभाएगा। इसके अलावा सीएम ने अधिकारीयों को निर्देश भी दिए हैं की प्रदूषण हॉटस्पॉट्स पर पानी का छिड़काव के साथ-साथ प्रदूषणकारी वाहनों पर सख्ती बढ़ाई जाए।
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गंभीर है राजधानी की हवा का स्तर
हर साल सर्दी शुरू होने से पहले दिल्ली की एयर क्वालिटी में प्रदूषण का स्तर अधिक बढ़ता हुआ दिखता है, वर्तमान में सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की और से जारी किए गए डेटा के मुताबिक, दिल्ली में औसत एयर क्वालिटी इंडेक्स 311 दर्ज दिया गया है। सीपीसीबी के अनुसार दिल्ली सबसे प्रदूषित शहरों में चौथे स्थान पर है जबकि रोहतक AQI के साथ टॉप पर है। सीपीसीबी के समीर ऐप की रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली के 38 निगरानी स्टेशनों में से 32 ने एयर क्वालिटी को बेहद ही खराब श्रेणी में बताया है।
मुख्यमंत्री ने इस मामले पर चिंता जताते हुए कहा की दिल्ली की सर्दी में प्रदूषण एक गंभीर चुनौती है, जिससे निपटने के लिए दिल्ली सरकार प्रदूषण नियंत्रण करने के साथ-साथ औधोगिक इकाइयों और कचरा जलाने वालों के खिलाफ एक विशेष टीम तैनात कर रही है। इससे दिल्ली के निवासियों को सांस लेने के लिए स्वच्छ हवा मिलेगी और प्रदूषण के स्तर को कम करने में मदद मिलेगी।
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