
यदि आप एक किसान है तो आप इस फसल की खेती करके अच्छा मुनाफा प्राप्त कर सकते है। नागौर के किसानों के लिए पालक के बीज की खेती मुनाफ़े का एक नया जरिया बन गई है, जिसे ‘ग्रीन गोल्ड’ भी कहा जा रहा है। पहले किसान सिर्फ़ पालक के पत्ते बेचते थे, लेकिन अब बीज उगाकर वे अपनी कमाई दोगुनी कर रहे हैं। पालक मुख्य रूप से रबी की फसल है, जिसे अक्टूबर से फरवरी के बीच बोना सबसे अच्छा होता है। इस बीज की खास बात यह है कि ये कम उपजाऊ और रेतीली मिट्टी में भी आसानी से उग जाती है, इसलिए यह नागौर जैसे क्षेत्रों के लिए बहुत फ़ायदेमंद खेती है।
गेहू की तुलना में डेढ़ गुना ज़्यादा होगा मुनाफा
एग्रीकल्चर एक्सपर्ट बजरंग सिंह के अनुसार, इस फसल की खेती में गेहूं की तुलना में डेढ़ गुना ज़्यादा मुनाफा होता है। हालाँकि अच्छी फसल तैयार करने के लिए गहरी जुताई करना, मिट्टी में सही नमी बनाए रखना और गोबर की खाद मिलाना बहुत ज़रूरी है। बीज बोते समय, हर पौधे के बीच 20 से 25 सेंटीमीटर की दूरी रखनी चाहिए और तुरंत हल्की सिंचाई करनी चाहिए।
ऐसे की जाती है बीजों की कटाई
कृषि विशेषज्ञों के अनुसार, राजस्थान के किसानों ने पालक की बुवाई की तैयारी शुरू कर दी है। बीज बोने के बाद, फ़सल को कीड़ों और बीमारियों से बचाने के लिए समय-समय पर जैविक दवाइयों का छिड़काव किया जाता है। जब पौधों में फूल आने के लगभग 90 से 100 दिन बाद वे सूखने लगते हैं, तब बीजों की कटाई की जाती है।
कटाई के बाद पौधों को सुखाकर बीज निकाले जाते हैं। किसान एक बीघा खेत से 30 से 40 किलो तक बढ़िया क्वालिटी का बीज प्राप्त करते हैं, जिसे बाज़ार में अच्छा दाम मिलता है। सही देखभाल और सिंचाई करने से बीज की क्वालिटी और उसका उत्पादन दोनों ही बेहतर होते हैं।
अच्छी जमीन में हो सकता है 18 क्विंटल बीजों का उत्पादन
एग्रीकल्चर एक्सपर्ट बजरंग सिंह के अनुसार, पालक के बीज की खेती में लागत कम आती है और मुनाफा ज्यादा होता है। कम उपजाऊ वाली जमीन के एक एकड़ से लगभग 12 क्विंटल बीज का उत्पादन हो सकता है, जबकि अच्छी खाद और सिंचाई से यह उत्पादन 18 क्विंटल तक पहुँच सकता है। पालक बीज के अच्छे उत्पादन के तीन मुख्य कारण हैं: पहला, इस फसल पर पाले का असर नहीं होता; दूसरा, इसमें बीमारियाँ लगने का खतरा बहुत कम होता है; और तीसरा, यह लगातार बीज का उत्पादन देती रहती है।
कम खर्च में होगा ज्यादा मुनाफा
कृषि विशेषज्ञों ने बताया कि पालक बीज की खेती छोटे और बड़े दोनों तरह के किसानों के लिए बहुत फ़ायदेमंद हो सकती है। उनका कहना है कि इसमें खर्च कम आता है, जबकि मुनाफा कई गुना ज़्यादा होता है। किसान सही समय पर बुवाई, सिंचाई और जैविक खाद का इस्तेमाल करके अच्छा पैसा कमा सकते हैं। विशेषज्ञों ने यह भी बताया कि पालक बीज की गुणवत्ता ही बाज़ार में उसकी कीमत तय करती है, इसलिए बीमारियों से बचाव और खेत की सफ़ाई पर खास ध्यान देना चाहिए।