गर्मियों में खीरा खाना न केवल हमारी डाइट का अहम हिस्सा बन जाता है, बल्कि शरीर को ठंडक और हाइड्रेशन भी देता है। रायता, सलाद से लेकर स्नैक्स के लिए हर घर में इसका इस्तेमाल होता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि खीरे को काटने से पहले उसके सिरों को काटकर क्यों रगड़ा जाता है? ये केवल कोई पुरानी चली आ रही आदत नहीं है, बल्कि इसके पीछे कई स्वास्थ्यवर्धक कारण भी हैं.

तो क्या हैं इसके पीछे का कारण यहाँ हम जानेंगे, ताकि अब जब भी आप खीरा काटें तो आप इन बातों को जरूर ध्यान में रखकर आप भी खीरा काट कर उसके सिरों को रगड़ेंगे.
कड़वाहट होती है दूर
खीरे में ‘कुकुर्बिटासिन’ कंपाउंड मौजूद होता है जिसके कारण है इसमें कड़वाहट होती है। खीरे को काटने के बाद उसके सिरों को रगड़ने से ये कड़वाहट झाग के रूप में बाहर निकाल जाती है और इससे खीरा स्वाद में बेहतर हो जाता है. तो आगे से इसका जरूर ध्यान रखें.
पचाने में आसान
जैसे की ‘कुकुर्बिटासिन’ के बार में आपने जाना ये सिर्फ स्वाद ही नहीं बिगाड़ता, बल्कि ये गैस, एसिडिटी जैसी पाचन समस्याओं का कारण भी बन सकता है। सिरों को रगड़ने से ये घटता है और खीरा पचने में हल्का हो जाता है। तो अगर आप गर्मियों में खीरा खाते हैं आपको इसके बारे में अब पता ही है।
एलर्जी और स्किन प्रॉब्लम से बचाव
कुकुर्बिटासिन की ज्यादा मात्रा अगर खीरे में होती है तो इसके सिरों में मौजूद नेचुरल टॉक्सिन कुछ लोगों में स्किन एलर्जी या रैशेज का कारण बन सकते हैं और इसके सिरों को आपस में रगड़ने से ये दूर होते हैं और खीरा स्किन-फ्रेंडली बनता है।
टॉक्सिन और पेस्टीसाइड्स की सफाई
चूंकि आजकल लगभग सभी फसलें बिना पेस्टीसाइड्स के छिड़काव के नहीं होती हैं, तो खीरे में भी इसके तत्व आ जाते हैं खीरे को रगड़ने से उसमें मौजूद नेचुरल टॉक्सिन और पेस्टीसाइड्स की मात्रा कम होती है। हालांकि यह पूरी तरह साइंटिफिकली साबित नहीं है, लेकिन घरेलू अनुभव इसे असरदार मानते हैं।
स्वाद और टेक्सचर में सुधार
ये भी माना जाता हैं की खीरे के सिरों को रगड़ने से उसका कड़वापन और फाइबर जैसा टेक्सचर हटता है, जिससे खीरा ज्यादा मीठा और क्रंची लगता है। इससे सलाद और रायते में इसका स्वाद और भी बेहतर हो जाता है।
तो अगली बार जब आप खीरा काटें, तो सिरों को रगड़ना न भूलें! इससे आपका खीरा स्वाद में बेहतर और सेहत के लिए ज्यादा फायदेमंद होगा।