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TT ने मांगा टिकट, दादी ने पकड़ा दिया आधार कार्ड! फिर जो हुआ, वो देखकर आपकी आँखों में भी आ जाएंगे आँसू

ट्रेन में टिकट चेकिंग के दौरान एक टीटी ने जब बुजुर्ग अम्मा से टिकट मांगा, तो उन्होंने मासूमियत से अपना आधार कार्ड थमा दिया। नियम तोड़ने पर जुर्माना लगाने की बजाय, टीटी ने मुस्कुराकर उसे ही टिकट मान लिया। इंसानियत की यह मिसाल कैमरे में कैद हो गई और अब पूरा सोशल मीडिया इस दरियादिल टीटी को सलाम कर रहा है।

By GyanOK

आज की भागदौड़ भरी दुनिया में, जहां हर कोई नियमों और कायदों में बंधा हुआ है, कभी-कभी कुछ ऐसी घटनाएं हो जाती हैं जो हमें यह याद दिला देती हैं कि इंसानियत से बड़ा कोई नियम नहीं होता। सोशल मीडिया पर एक ऐसा ही दिल छू लेने वाला वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें एक रेलवे टीटी (Ticket Collector) ने अपनी दरियादिली से लाखों लोगों का दिल जीत लिया है।

TT ने मांगा टिकट, दादी ने पकड़ा दिया आधार कार्ड! फिर जो हुआ, वो देखकर आपकी आँखों में भी आ जाएंगे आँसू
TT ने मांगा टिकट, दादी ने पकड़ा दिया आधार कार्ड! फिर जो हुआ, वो देखकर आपकी आँखों में भी आ जाएंगे आँसू

जब टिकट की जगह दादी ने दिखाया आधार कार्ड

यह घटना एक चलती ट्रेन की है। एक टीटी साहब अपनी ड्यूटी निभाते हुए यात्रियों के टिकट चेक कर रहे थे। जब वह एक बुजुर्ग महिला के पास पहुंचे, तो उन्होंने बड़ी विनम्रता से उनसे टिकट मांगा। दुनियादारी से बेखबर उस बुजुर्ग अम्मा ने टिकट की जगह अपने झोले से अपना आधार कार्ड निकाला और बड़े ही भोलेपन से टीटी साहब के हाथ में थमा दिया।

एक पल के लिए टीटी साहब रुके। उन्होंने एक नजर आधार कार्ड पर डाली और फिर उस अम्मा के मासूम चेहरे को देखा। एक तरफ उनकी ड्यूटी थी, तो दूसरी तरफ एक माँ की भोली-भाली मासूमियत। उन्होंने कोई बहस नहीं की, कोई जुर्माना नहीं लगाया, बल्कि उनके चेहरे पर एक हल्की सी मुस्कान आ गई।

उन्होंने बुजुर्ग महिला से कहा, “अम्मा, यही है आपका टिकट?” अम्मा ने हाँ में सिर हिलाया। इसके बाद टीटी साहब ने उनके आधार कार्ड को ही टिकट मान लिया और उन्हें आराम से अपनी सीट पर बैठकर यात्रा करने को कहा।

सोशल मीडिया पर लोगों ने की तारीफों की बौछार

यह पूरा वाकया किसी ने अपने कैमरे में कैद कर लिया और सोशल मीडिया पर शेयर कर दिया। देखते ही देखते यह वीडियो आग की तरह फैल गया। लोगों ने टीटी साहब की इस नेकदिली की जमकर तारीफ की।

  • एक यूजर ने लिखा, “इंसानियत आज भी जिंदा है। नियम अपनी जगह हैं, लेकिन किसी के सम्मान और मासूमियत को समझना सबसे बड़ी ड्यूटी है। टीटी साहब को सलाम।”
  • एक अन्य यूजर ने कमेंट किया, “जब नियम इंसानियत से बड़े हो जाते हैं, तो समाज का असली मतलब खत्म हो जाता है। टीटी साहब की यह मुस्कान सिर्फ दया नहीं थी, यह एक संदेश था कि कभी-कभी दिल के नियमों को पहले लागू करना चाहिए।”

यह सिर्फ एक टिकट माफ करने की बात नहीं थी। यह उस बुजुर्ग महिला के सम्मान को बनाए रखने की बात थी। टीटी साहब ने यह साबित कर दिया कि दुनिया की सबसे बड़ी किताब इंसानियत की होती है, और कभी-कभी उसके पन्ने नियमों की किताब से ज्यादा मायने रखते हैं।

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GyanOK
GyanOK एडिटोरियल टीम में काफी अनुभवी पत्रकार एवं कॉपी राइटर हैं जो विभिन्न राज्यों, शिक्षा, रोजगार, देश-विदेश से संबंधित खबरों को कवर करते हैं, GyanOk एक Versatile न्यूज वेबसाइट हैं, इसमें आप समाचारों के अलावा, शिक्षा, मनोरंजन से संबंधित क्विज़ भी खेल सकते हैं।

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