
मेरठ से प्रयागराज तक बन रहे 594 किलोमीटर लंबे गंगा एक्सप्रेसवे का काम लगभग पूरा होने वाला है, जिसकी भौतिक प्रगति 93.27% हो चुकी है। यह परियोजना 12 जिलों से होकर गुज़रेगी और इसकी कुल लागत ₹36,229.67 करोड़ है। हालांकि सोरांव के कुछ गाँवों में भूमि अधिग्रहण से जुड़ी समस्या अभी भी बनी हुई है। हाल ही में हुई समीक्षा बैठक में, एडीएम सिटी सत्यम मिश्र ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे सोरांव विकास प्राधिकरण (SDA) के साथ मिलकर इस मामले को जल्द से जल्द सुलझाएँ।
प्रयागराज एक्सप्रेसवे परियोजना का काम लगभग पूरा
प्रयागराज में बन रहे एक्सप्रेसवे की लंबाई 15.647 किलोमीटर है और इसका 93.27 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। हालांकि, पूरबनारा और सराय मदन सिंह समेत कुछ गाँवों के किसान अभी भी संतुष्ट नहीं हैं। इस समस्या को सुलझाने के लिए, एडीएम सिटी ने अधिकारियों को किसानों से बातचीत करके मामले को जल्द निपटाने का निर्देश दिया है। इसके अलावा, राष्ट्रीय मार्ग खंड की ₹5 करोड़ से अधिक की दो अन्य परियोजनाओं का काम भी लगभग पूरा होने वाला है, जिसकी भौतिक प्रगति 98 प्रतिशत है।
प्रयागराज इनर रिंग रोड निर्माण में ज़मीन विवाद का समाधान
प्रयागराज में इनर रिंग रोड का निर्माण कार्य तीन चरणों में चल रहा है, लेकिन इस सड़क के रास्ते में आ रही कुछ किसानों की ज़मीन के मुआवज़े (अंश निर्धारण) को लेकर आपसी विवाद सामने आया है। इस समस्या को सुलझाने के लिए, एडीएम सिटी ने राष्ट्रीय राजमार्ग के इंजीनियरों, पुलिस विभाग और उप-जिलाधिकारी को निर्देश दिया है कि वे आपस में बातचीत करके जल्द से जल्द किसानों की इन समस्याओं का समाधान करें ताकि सड़क निर्माण का काम निर्बाध रूप से जारी रह सके।








