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Solar Water Heater Installation: छत पर लगाते समय इन बातों का रखें खास ध्यान, नहीं तो हो सकता है भारी नुकसान

सोलर वाटर हीटर से बिजली बिल में 60–80% तक की बचत होती है और पर्यावरण को भी फायदा पहुंचता है। इसे छत पर लगाते समय धूप की उपलब्धता, दक्षिण दिशा की ओर झुकाव, छत की मजबूती और प्रमाणित पेशेवर से इंस्टॉलेशन जैसी सावधानियां बरतनी चाहिए। इससे सिस्टम लंबे समय तक बिना रिसाव या नुकसान के काम करता है और निवेश पर अधिकतम रिटर्न मिलता है।

By Pinki Negi

बिजली के बढ़ते खर्च और पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकता ने आज हर घर में वैकल्पिक ऊर्जा समाधानों की खोज को तेज़ कर दिया है। इन्हीं में से एक सरल, टिकाऊ और किफायती उपाय है सोलर वाटर हीटर। यह न केवल बिजली की खपत घटाता है, बल्कि लंबे समय में घरेलू बजट और पर्यावरण दोनों के लिए फायदेमंद साबित होता है। हालांकि, इसका पूरा लाभ तभी मिल सकता है जब इंस्टॉलेशन में तकनीकी सावधानियों और जगह के चयन पर सही ध्यान दिया जाए।

धूप की उपलब्धता सबसे जरूरी

सोलर वाटर हीटर की सफलता सीधे उस धूप पर निर्भर करती है जो आपके छत पर पहुंचती है। यदि कलेक्टर पैनलों पर छाया पड़ती है या सूरज की रोशनी ठीक से नहीं आती, तो सिस्टम की कार्यक्षमता काफी घट सकती है। इसलिए इंस्टॉलेशन के लिए ऐसी जगह चुनें जहां सुबह से लेकर शाम तक सूर्य की सीधी रोशनी मिले और पास में कोई पेड़ या इमारत धूप को बाधित न करे।
उत्तरी गोलार्ध वाले देशों, जैसे भारत में, पैनलों को दक्षिण दिशा की ओर झुकाव में लगाने की सलाह दी जाती है ताकि पूरे दिन अधिकतम सूर्य ऊर्जा अवशोषित की जा सके।

छत की मजबूती का आंकलन अनिवार्य

सोलर वाटर हीटर के टैंक और पाइप सिस्टम में सैकड़ों लीटर पानी भरा रहता है, जिससे इसका वजन काफी बढ़ जाता है। इस वजह से छत की भार वहन क्षमता का परीक्षण जरूरी है। ढलवां या कमजोर छत पर सिस्टम लगाने से रिसाव या संरचनात्मक क्षति का खतरा बढ़ सकता है। विशेषज्ञ द्वारा छत की जांच करवाएं और आवश्यकता हो तो अतिरिक्त सपोर्ट स्ट्रक्चर लगवाएं ताकि व्यवस्था लंबे समय तक सुरक्षित बनी रहे।

सही झुकाव और तकनीकी सेटअप का महत्व

सोलर वाटर हीटर के कलेक्टर पैनलों का झुकाव (tilt angle) आपके भौगोलिक अक्षांश के हिसाब से तय किया जाना चाहिए। यह कोण इस तरह रखा जाए कि सालभर अधिकतम सूर्य विकिरण प्राप्त हो सके। यही झुकाव व्यवस्था पानी को जल्दी और अधिक गर्म करने में मदद करती है।
इसके अलावा, सिस्टम में उचित वेंट पाइप का होना भी जरूरी है, जो पानी के गर्म होने से बनने वाले अतिरिक्त दबाव को बाहर निकालता है। इससे टैंक या पाइप फटने जैसी दुर्घटनाओं से बचाव होता है।

पाइपलाइन और इंसुलेशन की अहमियत

गर्म पानी के नुकसान को रोकने के लिए सभी पाइपलाइन को उच्च गुणवत्ता वाली थर्मल इंसुलेशन सामग्री से ढकना चाहिए। ऐसा करने से सोलर सिस्टम की ऊर्जा दक्षता बनी रहती है और पानी देर तक गर्म रहता है। पाइप फिटिंग और जोड़ों की जांच भी विशेषज्ञ से करवाएं ताकि कहीं से रिसाव या ढीलापन न हो। पानी का हल्का रिसाव भी समय के साथ छत या दीवार को नुकसान पहुंचा सकता है।

नियमित सफाई और रखरखाव जरूरी

किसी भी सोलर सिस्टम की तरह, सोलर वाटर हीटर की दीर्घकालिक सफलता उसके रखरखाव पर निर्भर करती है। कलेक्टर पैनलों और ग्लास ट्यूबों पर धूल, पत्तियां या गंदगी जमने से सूर्य की किरणें अंदर तक नहीं पहुंच पातीं, जिससे कार्यक्षमता घटती है। इन्हें समय-समय पर साफ करें।
अगर गर्मियों में या लंबे समय तक उपयोग नहीं हो रहा हो, तो सिस्टम को विशेषज्ञ की सलाह के अनुसार शटडाउन मोड में रखें ताकि अत्यधिक तापमान से किसी घटक को नुकसान न पहुंचे।

इंस्टॉलेशन हमेशा प्रमाणित पेशेवर से कराएं

सोलर वाटर हीटर लगाते समय सबसे बड़ी गलती लोग यह करते हैं कि इसे स्थानीय मिस्त्री या असंरचित इंस्टॉलर से लगवा लेते हैं। जबकि यह एक तकनीकी उपकरण है, जिसका सेटअप बिल्डिंग कोड और सुरक्षा मानकों के अनुरूप होना जरूरी है। प्रमाणित पेशेवर न केवल सही दिशा और झुकाव तय करते हैं बल्कि पाइपिंग, टैंक सुरक्षा और विद्युत बैकअप जैसी व्यवस्थाओं को भी मानक के अनुसार इंस्टॉल करते हैं।

निवेश पर अधिकतम लाभ

सफाई, ध्यान और तकनीकी सटीकता के साथ लगाया गया सोलर वाटर हीटर आपके बिजली बिल में 60–80 प्रतिशत तक की बचत कर सकता है। इसके अलावा, यह कार्बन उत्सर्जन कम कर पर्यावरण को भी सुरक्षित बनाता है। एक बार सही तरीके से इंस्टॉल करने के बाद यह वर्षों तक बिना किसी बड़ी मेंटेनेंस लागत के गर्म पानी उपलब्ध कराता है।

Author
Pinki Negi
GyanOK में पिंकी नेगी बतौर न्यूज एडिटर कार्यरत हैं। पत्रकारिता में उन्हें 7 वर्षों से भी ज़्यादा का अनुभव है। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत साल 2018 में NVSHQ से की थी, जहाँ उन्होंने शुरुआत में एजुकेशन डेस्क संभाला। इस दौरान पत्रकारिता के क्षेत्र में नए-नए अनुभव लेने के बाद अमर उजाला में अपनी सेवाएं दी। बाद में, वे नेशनल ब्यूरो से जुड़ गईं और संसद से लेकर राजनीति और डिफेंस जैसे कई महत्वपूर्ण विषयों पर रिपोर्टिंग की। पिंकी नेगी ने साल 2024 में GyanOK जॉइन किया और तब से GyanOK टीम का हिस्सा हैं।

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