
अक्सर कई लोग अपने प्रॉपर्टी को दान कर देते है, ऐसे में उनके बच्चों के मन में सवाल उठता है कि उनके हक का क्या होगा। हालाँकि क़ानूनी रूप से कोई भी व्यक्ति अपने पिता की सम्पति से बेदखल नहीं होता है। अगर दान कानूनी प्रक्रिया के तहत और सही तरीके से किया गया है, तो भी बच्चों का हक़ पूरी तरह से खत्म नहीं होता, भले ही वह कम हो जाए।
साथ ही यह भी देखा जाता है कि दान करते समय पिता की मानसिक स्थिति कैसी थी, संपत्ति किस तरह की थी, और दान किन परिस्थितियों में किया गया था। इसलिए, बच्चों के लिए यह समझना महत्वपूर्ण है कि उनके कानूनी अधिकार क्या हैं और उन्हें ज़रूरत पड़ने पर अपने हक़ का दावा करने के लिए क्या कदम उठाने चाहिए।
दान के मामले में बच्चे सीधा दावा नहीं कर सकते
यदि पिता ने कानूनी तौर पर और सभी नियमों का पालन करते हुए अपनी पूरी संपत्ति दान कर दी है, तो बच्चों को उस संपत्ति पर सीधा दावा करने का हक नहीं मिलता। हालांकि, बच्चे तभी अदालत में दावा कर सकते हैं, जब यह साबित हो जाए कि दान के समय पिता मानसिक रूप से ठीक नहीं थे या उन पर किसी का दबाव था। इसके अलावा, यदि दान के बाद बच्चों को जीवन जीने के लिए ज़रूरी सहारा या पैसा नहीं बचा है, तो उनका हक पूरी तरह से खत्म नहीं होता और वे अदालत से सुरक्षा या मदद मांग सकते हैं।
अपना हक़ पाने के लिए दिखाने होंगे जरुरी दस्तावेज
अगर किसी पिता ने अपनी पूरी संपत्ति दान कर दी है और बच्चे इस दान की हुई प्रॉपर्टी पर सवाल उठाना चाहते हैं, तो सबसे पहले उन्हें दान पत्र (Gift Deed) और उससे जुड़े बाकी कागज़ातों की अच्छे से जाँच करनी चाहिए। इसके बाद किसी वकील से सलाह लेकर यह तय करें कि क्या कोर्ट में मुकदमा दायर किया जा सकता है या नहीं। यदि दान करने के बाद बच्चों को अपनी रोज़मर्रा की ज़िंदगी जीने के लिए ज़रूरी संसाधन या पैसे नहीं बचे हैं, तो उनका हक पूरी तरह से खत्म नहीं होता और वे कोर्ट में सुरक्षा या अपने हिस्से का दावा कर सकते हैं।
सम्पति पर हक़ पाने के लिए दिखनी होगी तीन चीज़ें
किसी पिता द्वारा दी गई संपत्ति के दान (Gift Deed) को चुनौती देने के लिए अदालतें आमतौर पर तीन चीज़ें देखती हैं: दान करते समय पिता की मानसिक स्थिति कैसी थी, दान की परिस्थितियाँ क्या थीं, और क्या इससे बच्चों के भविष्य की सुरक्षा प्रभावित हो रही है। बच्चों को यह भी साबित करना होता है कि दान करने वाला पिता कानूनी रूप से उस संपत्ति का मालिक था या नहीं। सही कानूनी प्रक्रिया का पालन करके बच्चे इस दान पर अपना दावा पेश कर सकते हैं।