
देश में तेजी से बढ़ रहा इंटरनेट का इस्तेमाल और युवाओं का बढ़ता मोबाइल स्क्रीन टाइम अब स्वास्थ्य के लिए खतरा बन रहा है। देर रात तक फोन चलाने से हमारी नींद पर बुरा असर पड़ रहा है। विशेषज्ञ (डॉ. जीडी कूलवाल) बताते हैं कि सोने से ठीक पहले फोन देखने से हर हफ्ते आपकी 50 मिनट की नींद कम हो सकती है। यह आदत शरीर के आंतरिक चक्र को बाधित करती है, जिससे नींद की गुणवत्ता गिरती है और डिप्रेशन, स्ट्रेस (तनाव) और स्लीपिंग डिसऑर्डर जैसी बीमारियाँ हो सकती हैं।
देर रात मोबाइल देखने के नुकसान
देर रात तक मोबाइल की ब्लू लाइट के संपर्क में रहने से, नींद लाने वाला मेलाटोनिन हार्मोन कम बनने लगता है। इससे न सिर्फ नींद न आने (अनिद्रा) की समस्या बढ़ती है, बल्कि चिड़चिड़ापन और तनाव भी बढ़ जाता है। एक शोध के अनुसार, जो लोग देर रात तक स्क्रीन देखते हैं, उनका प्राकृतिक आंतरिक चक्र (internal clock) बाधित हो जाता है। इसके कारण वे सुबह देर से उठते हैं और अपनी दैनिक गतिविधियों के साथ सही तालमेल बिठाने में असमर्थ होते हैं, जिससे उनकी नींद में खलल पड़ता है।
नींद की गुणवत्ता पर पड़ेगा बुरा असर
एक रिसर्च में 1,22,000 से अधिक लोगों को शामिल किया गया, जिसमें पाया गया कि लगभग 41 प्रतिशत लोग रोज़ाना सोने से ठीक पहले अपना फोन स्क्रॉल करते हैं। इन लोगों की नींद खराब होने की संभावना उन लोगों के मुकाबले 33 प्रतिशत ज़्यादा थी, जो सोने से पहले स्क्रीन का इस्तेमाल नहीं करते हैं। यह शोध साफ दिखाता है कि बिस्तर पर फोन चलाने से हमारी नींद की गुणवत्ता पर बुरा असर पड़ता है।
ज्यादा फ़ोन इस्तेमाल से शरीर पर पड़ेगा दुष्प्रभाव
देर रात तक फोन चलाने से नींद खराब होती है और शरीर को पूरा आराम नहीं मिल पाता। फोन से निकलने वाली रोशनी और तरंगें शरीर में तनाव बढ़ाती हैं, जिसका सीधा असर हमारे दिमाग पर पड़ता है। फोन के ज़्यादा इस्तेमाल से भूलने की समस्या पैदा हो सकती है, और व्यक्ति के स्वभाव में चिड़चिड़ापन भी बढ़ जाता है। इसलिए, अच्छी सेहत के लिए रात को फोन से दूरी बनाना ज़रूरी है।
फोन चलाने से नींद खराब होने का खतरा
रात में ज़्यादा देर तक फोन इस्तेमाल करने से नींद की समस्या हो सकती है, क्योंकि यह आपकी नींद की साइकिल (स्लीप साइकिल) को बिगाड़ देता है। दरअसल, स्क्रीन से निकलने वाली नीली रोशनी (Blue Light) एक हार्मोन, मेलाटोनिन, के बनने को रोकती है, जो नींद के लिए ज़रूरी है। इस वजह से नींद की गुणवत्ता (Quality) घट जाती है और आपको रात भर ठीक से नींद नहीं आती।
मानसिक शांति के लिए ज़रूरी है सही दिनचर्या
‘जर्नल ऑफ अफेक्टिव डिसऑर्डर्स’ में छपी एक स्टडी के अनुसार, जब हमारी रोज़ की दिनचर्या (Daily Routine) अनियमित होती है, तो इसका सीधा असर हमारे मूड और तनाव की भावनाओं पर पड़ता है। यह दिखाता है कि हमारा साधारण दैनिक लाइफस्टाइल हमारे मानसिक स्वास्थ्य को किस तरह प्रभावित करता है। इसलिए तनाव को कम करने और अच्छी मानसिक सेहत बनाए रखने के लिए, एक स्वस्थ दिनचर्या (जिसमें पर्याप्त नींद भी शामिल है) का पालन करना बहुत महत्वपूर्ण है।








