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लड़कियों से पीरियड्स की डेट पूछना अपराध है? जानिए भारतीय कानून इस पर क्या कहता है, मिल सकती है ये सज़ा!

क्या किसी लड़की से पीरियड्स की डेट पूछना कानूनी तौर पर अपराध माना जाता है? जानिए भारतीय न्याय संहिता (BNS) इस संवेदनशील विषय पर क्या कहता है। अगर यह सवाल अपमानित करने के इरादे से पूछा जाए, तो 1 साल तक की सज़ा हो सकती है। अपने अधिकारों और कानून को जानें!

By Pinki Negi

लड़कियों से पीरियड्स की डेट पूछना अपराध है? जानिए भारतीय कानून इस पर क्या कहता है, मिल सकती है ये सज़ा!
Women Safety

हमारे समाज में मासिक धर्म (Periods) एक बहुत ही निजी (Private) विषय माना जाता है, जिस पर खुलकर बात करना आम नहीं है। इसलिए, कई लोगों के मन में यह सवाल आता है कि अगर कोई पुरुष या महिला किसी लड़की या महिला से उसके पीरियड्स की तारीख पूछ ले, तो क्या यह कानूनी रूप से कोई अपराध है और इसके लिए सज़ा मिल सकती है? भारत में इस तरह के सवाल की कानूनी स्थिति को समझना और इसके सामाजिक पहलू को जानना बहुत ज़रूरी है।

पीरियड्स की तारीख पूछना अपराध

भारत में केवल पीरियड्स की तारीख पूछना अपने आप में कोई सीधा अपराध नहीं है। अगर यह सवाल स्वास्थ्य, देखभाल या पेशेवर उद्देश्य (जैसे डॉक्टर, परिवारजन) से पूछा जाता है, तो यह पूरी तरह वैध है। हालांकि, यह सवाल तब कानूनी दायरे में आ सकता है जब इसका इरादा मज़ाक उड़ाना, अपमानित करना या महिला की प्राइवेसी भंग करना हो। ऐसे गलत इरादों से पूछे गए सवाल को महिला की गरिमा और निजता (Privacy) का उल्लंघन माना जा सकता है।

कानूनी कार्रवाई की संभावना और सज़ा

यह प्रश्न कि “कितनी सज़ा मिल सकती है?” अपने आप में अपराध नहीं है, लेकिन यह ज़रूरी है कि आप सावधान रहें। जिस संदर्भ या परिस्थितियों में आप यह सवाल पूछ रहे हैं, उनके आधार पर यह कानूनी कार्रवाई के दायरे में आ सकता है। इसलिए, किसी भी संभावित अवैध गतिविधि या उससे जुड़ी जानकारी के बारे में सवाल पूछने से पहले कानूनी परिणाम को समझना आवश्यक है।

यौन उत्पीड़न की परिभाषा

कार्यस्थल पर अगर कोई सहकर्मी किसी महिला के मासिक धर्म (Periods) या अन्य व्यक्तिगत, निजी मुद्दों के बारे में बार-बार सवाल करता है या उन पर टिप्पणी करता है, तो इसे यौन उत्पीड़न (Sexual Harassment) माना जा सकता है।

कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न के मामलों में ‘Sexual Harassment of Women at Workplace (Prevention, Prohibition and Redressal) Act, 2013’ के तहत कानूनी कार्रवाई की जाती है। यदि कोई व्यक्ति इस कानून के तहत दोषी पाया जाता है, तो उसे कड़ी सज़ा दी जा सकती है, जिसमें उसे नौकरी से निकाला जाना भी शामिल है।

महिला को शर्मिंदा या अपमानित करना एक अपराध

अगर कोई व्यक्ति भीड़ में या सोशल मीडिया पर किसी महिला से ऐसा सवाल पूछता है जिसका मकसद उसे शर्मिंदा या अपमानित करना हो, तो इसे महिला की मर्यादा भंग करने का गंभीर अपराध माना जाता है। भारतीय न्याय संहिता (BNS) के तहत इस अपराध के लिए 1 साल तक की जेल, जुर्माना, या दोनों की सज़ा हो सकती है। यह कानून महिलाओं के सम्मान की रक्षा करता है।

Author
Pinki Negi
GyanOK में पिंकी नेगी बतौर न्यूज एडिटर कार्यरत हैं। पत्रकारिता में उन्हें 7 वर्षों से भी ज़्यादा का अनुभव है। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत साल 2018 में NVSHQ से की थी, जहाँ उन्होंने शुरुआत में एजुकेशन डेस्क संभाला। इस दौरान पत्रकारिता के क्षेत्र में नए-नए अनुभव लेने के बाद अमर उजाला में अपनी सेवाएं दी। बाद में, वे नेशनल ब्यूरो से जुड़ गईं और संसद से लेकर राजनीति और डिफेंस जैसे कई महत्वपूर्ण विषयों पर रिपोर्टिंग की। पिंकी नेगी ने साल 2024 में GyanOK जॉइन किया और तब से GyanOK टीम का हिस्सा हैं।

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