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दीये से जलने पर क्या करें? जलने की चोट पर डॉक्टर की सलाह, याद रखें ये 3 C और निशान नहीं पड़ेगा

दिवाली का त्यौहार खुशियां और रौशनी से भरा होता है। लेकिन कई बार दिये जलाते समय हमारे हाथ अथवा शरीर के अन्य भाग जल जाते हैं और हड़बड़ी में हम सही तरीके का इस्तेमाल नहीं कर पाते हैं। दिवाली त्यौहार आने वाला है अगर आपके साथ यह दुर्घटना होती है तो आपको तुरंत ही डॉक्टर के बताएं इन 3 C नियमों को अपनाना है।

By Manju Negi

दिवाली त्यौहार भारत में मनाए जाने वाला सबसे प्रसिद्ध और बड़ा त्यौहार है। इस पर्व में पटाखों के साथ रौशनी के लिए दिये जलाए जाते हैं, लेकिन हमेशा ही लोगों के साथ इस दौरान कोई न कोई दुर्घटना घट ही जाती है। दिये जलाते समय कई बार त्वचा पर तेल गिर जाता है और लोग गलत चीज लगा लेते हैं जिससे उन्हें और भी पछताना पड़ता है। लेकिन अब आपको इस समस्या से बचने के लिए त्वचा विशेषज्ञ डॉ, प्रियंका सहरावत ने बहुत ही सरल सलाह दी है। इन्होंने यह जानकारी अपने इंस्टाग्राम अकाउंट में शेयर की है जो आपके लिए काफी फायदेमंद हैं।

दीये से जलने पर क्या करें? जलने की चोट पर डॉक्टर की सलाह, याद रखें ये 3 C और निशान नहीं पड़ेगा

जलने पर इन 3 C नियम को तुरंत अपनाएं

डॉ. प्रियंका सहरावत का कहना है, कि दिवाली पर पटाखे फोड़ने से दो खतरों का अधिक डर रहता है, वायु प्रदूषण बढ़ता है और जलने का। ध्यान से दिवाली मनाइए, और जलने से बचने का प्रयास करना चाहिए। लेकिन कई बार लोगों के हाथ वगेरा दिये से जल जाते हैं, तो उन्हें तुरंत ही 3 C नियमों को अपनाना बहुत जरुरी है।

इन 3 C नियमों का पालन करें

  1. कूल- दिये से जले हुए पार्ट को आपने करीबन 10 मिनट के लिए ठंडे पानी में रखना है। आपको जली त्वचा पर बिलकुल भी बर्फ नहीं लगानी है।
  2. क्लीन- अगर आपकी जली ही त्वचा पर कोई कपड़ा अथवा अन्य चीज चिपक जाती है, तो इसे बहुत धीरे से हटाने की कोशिश करें।
  3. कवर- आपको जली त्वचा को साफ़ और मुलायम सूती कपडे से कवर कर लेना है ताकि संक्रमण का खतरा कम हो जाए। इस तरीके को आप कम घाव (ग्रेड 1-2) होने पर इस्तेमाल कर सकते हैं। अगर घाव बड़ा है और त्वचा काली हो जाती है (ग्रेड 3-4), तो आपको तुरंत ही हॉस्पिटल जाकर अपना ट्रीटमेंट कराना है।

दिवाली पर वायु प्रदूषण से बचाव

दिवाली पर लोग ढेरों सारे पटाखे फोड़ते हैं जिससे प्रदूषण और बढ़ जाता है। दिल्ली-एनसीआर की स्थिति पहले ही बहुत ख़राब है और दिवाली में तो और भी बुरे हाल हो सकते हैं। डॉ. सहरावत का कहना है कि अस्थमा, फेफड़ों और कोर्निक ब्रोंकाइटिस जैसे बिमारियों से पीड़ित लोगों को पटाखों से दूर रहना चाहिए, क्योंकि धुंए से उनके स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है। आपको इस दौरान बाहर जाने से बचना है, कोई जरुरी काम पड़े तो मास्क पहन कर जाएं।

Author
Manju Negi
अमर उजाला में इंटर्नशिप करने के बाद मंजु GyanOk में न्यूज टीम को लीड कर रही है. मूल रूप से उत्तराखंड से हैं और GyanOk नेशनल और राज्यों से संबंधित न्यूज को बारीकी से पाठकों तक अपनी टीम के माध्यम से पहुंचा रही हैं.

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