
अक्सर आपने देखा होगा कि महिलाओं को पुरुषों की तुलना में पूरा हक नहीं मिलता है. जिस वजह से उन्हें किसी और पर निर्भर होना पड़ता है. लेकिन आज के समय में कुछ लोगों की सोच बदल गई है. वह बेटा और बेटी को बराबर हक देना चाहते है. इस बदलाव को बढ़ावा देने के लिए उत्तरप्रदेश सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है. अब यूपी में महिलाओं को उनके पिता की कृषि भूमि में हिस्सा मिलेगा. अभी तक शादीशुदा बेटियों को यह अधिकार नहीं था, लेकिन जल्द ही यह नियम बदलने वाला है.
राजस्व परिषद ने बनाया एक प्रस्ताव
बेटियों को बराबर हक देने के लिए राजस्व परिषद ने इसके लिए एक नया प्रस्ताव बनाया है, जिसे सरकार को भेजा जाएगा. अभी के नियमानुसार, पिता की मृत्यु होने के बाद उनकी संपति में विधवा, बेटे और अविवाहित बेटी का हक होता है. इस भेदभाव को हटाने के लिए बहुत समय से मांग उठ रही थी. लोगों की मांग है कि शादीशुदा बेटियों को भी उनके पिता की संपत्ति में कानूनी हक मिलना चाहिए.
शादीशुदा बेटियों को मिलेगा बराबर हक
नए नियमों के मुताबिक, पिता की संपत्ति में शादीशुदा बेटियों को भी बेटों के बराबर ही हिस्सा मिलेगा. फिर चाहे वह ‘शादीशुदा’ या ‘अविवाहित’ हो, दोनों में कोई भेदभाव नही होगा. अब पिता की मृत्यु के बाद उनकी जमीन का मालिकाना हक तय करते समय सभी बेटियों को एक समान अधिकार मिलेगा. इस नए नियम से बहनों के संपत्ति अधिकारों में भी समानता आएगी.
कई राज्यों में पहले से लागू है ये अधिकार
हमारे देश के कई राज्य जैसे – मध्य प्रदेश और राजस्थान में यह अधिकार पहले से लागू है. शादीशुदा बेटियों को उनके पिता की कृषि भूमि में बेटों के बराबर हिस्सा मिलता है. अब उत्तरप्रदेश सरकार भी इस नियम को लागू करने की तैयारी में है. अभी यह प्रस्ताव सरकार के पास जायेगा, फिर कैबिनेट में और अंत में इसे विधानसभा और विधान परिषद से पास होने के बाद कानून बना दिया जाएगा.
