
हिन्टू धर्म के अनुसार, इंदिरा एकादशी का व्रत भगवान विष्णु को समर्पित होता है. यह पितृ पक्ष के समय आता है, जिसका विशेष महत्व है क्योंकि इसे पितरों की आत्मा की शांति और मोक्ष के लिए शुभ माना जाता है. इस दिन व्रत रखने से न केवल भगवन खुश होते है, बल्कि पितरों को भी मोक्ष मिलता है.
Indira Ekadashi 2025 का शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, आज रात 10 बजकर 55 मिनट पर परिघ योग समाप्त हो जायेगा। इसके साथ ही , 11 बजकर 39 मिनट तक शिववास रहेगा। इस दिन पुष्य नक्षत्र होने के कारण, आज का दिन भगवान विष्णु की पूजा के लिए बहुत ही शुभ माना गया है.
व्रत खोलने का समय
इंदिरा एकादशी का व्रत द्वादशी तिथि के दिन खोला जाता है। इस व्रत को खोलने का शुभ समय 18 सितंबर को सुबह 06:07 बजे से 08:34 बजे तक रहेगा। आप इस बीच अपना व्रत खोल सकते हैं।
इंदिरा एकादशी पूजा विधि
- शाम को सात्विक भोजन करें और ब्रह्मचर्य का पालन करें।
- सुबह जल्दी उठें, स्नान करें और स्वच्छ कपड़े पहनें।
- भगवान विष्णु का ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प लें।
- पूजा के स्थान को साफ करके भगवान विष्णु की प्रतिमा स्थापित करें।
- भगवान विष्णु को गंगाजल से स्नान कराएं।
- उन्हें पीला चंदन, पीले फूल, तुलसी दल और पंचामृत का भोग लगाएं।
- दीपक और धूप जलाकर पूजा करें।
- इंदिरा एकादशी की व्रत कथा सुनें या पढ़ें।
- इस दिन पितरों के लिए तर्पण और पिंडदान करना बहुत शुभ माना जाता है, इसलिए यह अवश्य करें और दान-दक्षिणा दें।
भगवान विष्णु को भोग में दे ये चीज़ें
इंदिरा एकादशी के दिन भगवान विष्णु को ऐसी चीज़ें अर्पित करें जो उन्हें बहुत पसंद हैं। उन्हें भोग में पीले रंग की मिठाइयाँ जैसे बेसन के लड्डू या केले चढ़ा सकते हैं। इसके अलावा, भोग में पंजीरी, पंचामृत और तुलसी दल जरूर शामिल करें, क्योंकि तुलसी के बिना भगवान विष्णु भोग स्वीकार नहीं करते हैं।