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RBI New Rules: आरबीआई ने जारी किये निर्देश, इस काम में देरी करने पर बैंक,आपको देगा हर दिन के ₹5,000

अगर आपके परिवार के किसी दिवंगत व्यक्ति का बैंक में लॉकर अथवा खाता है तो आपके लिए अच्छी खबर है। आरबीआई ने इन कामों से जुड़े नियमों में बदलाव करके नए नियम जारी किए हैं जिन्हे अगले साल से लागू किया जाएगा।

By Pinki Negi

हाल ही भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने नए निर्देश जारी किए हैं जिसके तहत दिवंगत (मृत) परिवार वालों को राहत मिलने वाली है। नए नियम लागू होने के बाद उत्तराधिकारियों अथवा नॉमिनिज को बैंकों में क्लेम सेटलमेंट के लिए इधर उधर फिरना नहीं पड़ेगा। इसके अतिरिक्त अब दावे की निपटान समय सीमा को 15 दिन कर दिया गया है। ख़ास बात तो यह है कि अगर कोई बैंक समय सीमा का पालन नहीं करता है तो उसे हर दिन ₹5,000 का जुर्माना भरना होगा।

RBI New Rules: आरबीआई ने जारी किये निर्देश, इस काम में देरी करने पर बैंक,आपको देगा हर दिन के ₹5,000

RBI के नए नियम क्या हैं?

आरबीआई ने नए दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं जिसका नाम Reserve Bank of India (Settlement of Claims in respect of Deceased Customers of Banks) Directions, २०२५ दिया गया है। इन नियमों को सभी बैंक में 31 मार्च 2026 तक लागू किया जाएगा। ये सभी नियम डिपॉजिट अकाउंट, सेफ डिपॉजिट लॉकर और सुरक्षित कस्टडी के दायरे में लागू होंगे।

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दावा निपटाना अब हुआ आसान

RBI के नियमानुसार ग्राहकों के दावे निपटाने की प्रक्रिया को अब और भी सरल बना दिया गया है। छोटे दावों के लिए यह नियम काफी फायदेमंद है। अगर किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है और उसका कोई नॉमिनी नहीं है। अगर भुगतान की राशि सहकारी बैंकों के लिए 5 लाख और अन्य बैंकों के लिए 15 लाख रूपए से कम है तो यह प्रक्रिया इन दावों पर लागू की जाएगी।

नए नियम जारी होने के बाद लॉकर से जुड़े दावों को अब आसानी से निपटाया जाएगा। बैंक को अगर नॉमिनी अथवा वारिस से आवश्यक कागजात मिलते हैं तो उसे यह काम 15 दिन के भीतर शुरू कर देना है। बैंक को 15 दिन के भीतर क्लेम करने वाले व्यक्ति से बातचीत करनी है और एक निर्धारित डेट फिक्स करनी है। इस दिन वे लॉकर खोलकर उसमें रखे सामान की सूची तैयार करेंगे।

देरी होने पर बैंक को भरना होगा हर्जाना

RBI ने साफ साफ कहा है कि अगर बैंक लापरवाही करता है तो उसे भारी मुआवजा देना होगा। बैंक को समय सीमा में दावा निपटाना है और अगर देरी होती है तो इसका जिम्मेदार बैंक स्वयं होगा। बैंक को इसके लिए ब्याज समेत मुआवजा देना है। यह ब्याज दर बैंक रेट + 4% सालाना से कम नहीं होनी चाहिए। अगर लॉकर अथवा सुरक्षित कस्टडी के दावों में लेट होता है तो बैंक को मुआवजा देना होगा। हर दिन 5,000 रूपए तक मुआवजा देना होगा। इस नियम से दिवंगत ग्राहकों के परिवारों को लम्बी क़ानूनी लड़ाई में काफी राहत मिलने वाली है।

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Pinki Negi
GyanOK में पिंकी नेगी बतौर न्यूज एडिटर कार्यरत हैं। पत्रकारिता में उन्हें 7 वर्षों से भी ज़्यादा का अनुभव है। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत साल 2018 में NVSHQ से की थी, जहाँ उन्होंने शुरुआत में एजुकेशन डेस्क संभाला। इस दौरान पत्रकारिता के क्षेत्र में नए-नए अनुभव लेने के बाद अमर उजाला में अपनी सेवाएं दी। बाद में, वे नेशनल ब्यूरो से जुड़ गईं और संसद से लेकर राजनीति और डिफेंस जैसे कई महत्वपूर्ण विषयों पर रिपोर्टिंग की। पिंकी नेगी ने साल 2024 में GyanOK जॉइन किया और तब से GyanOK टीम का हिस्सा हैं।

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