
महाराष्ट्र सरकार ने अपने राज्य के किसानों को बड़ी राहत दी है, आप किसानों को कृषि भूमि के बटवारे में रजिस्ट्रेशन शुल्क का भुगतान नहीं करना पड़ेगा, और साथ ही महाराष्ट्र कैबिनेट ने अन्य 10 निर्णय को मंजूरी दी है, जमीन से जुड़े विवादों को काम करने में मदद मिलेगी, और साथ ही आर्थिक सहायता भी प्राप्त होगी।
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कृषि बटवारे का पहले क्या नियम था
पहले महारष्ट्र में भूमि राजस्व सहिंता के तहत भूमि बटवारे का शुल्क देना पड़ता था, हालाँकि इसमें स्टाम्प शुल्क की दर बहुत ही कम है, पर लेकिन रजिस्ट्रेशन शुल्क काफी अधिक है, रजिस्ट्रेशन शुल्क ज्यादा होने के कारण किसानों को आर्थिक भार सहन करना पड़ता था, और इस कारण किसान जमीन का रजिस्ट्रेशन करने से बचते है, और यही कारण है जिससे की जमीन विवाद बढ़ते है, और किसान और उनके परिवारों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
किसानों के लिए राहत
किसनों की परेशानी को देखते हुए, महायुति सरकार ने रजिस्ट्रेशन शुल्क को माफ करने का फैसला लिया है, जिसके चलते किसानों को प्रति बटवारे पर 30,000 रुपए तक की बचत हो पाएगी, इतना ही नहीं इससे किसान भूमि पंजीकरण करेंगे और इससे भूमि विवादों में कमी आएगी, सरकार ने भले ही किसानों को राहत देने के लिए फैसला लिया हो लेकिन इससे सरकार के राजस्व में 30 से 40 करोड़ रुपए की कमी आ सकती है, लेकिन सरकार का कहना है की किसानों को यह लाभ देना ज्यादा महत्वपूर्ण है।
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महाराष्ट्र कैबिनेट के अन्य फैसले
- वन विकास निगम ने 1,351 पदों की संशोधित संरचना को मजबूरी दी गई है।
- राज्य में महिला सशक्तिकरण पर्यटन स्थलों का विकास और नदी जोड़ो का अभियान पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
- भारत सरकार ने कृषि पदनाम में बदलाव किया है ताकि उनके कार्य क्षमता में सुधार हो और उनको बढ़ावा मिले।
- राज्य में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए स्थानीय सरकारी निकायों के उच्च प्राथमिक विद्यालयों में अशंकालीन निदेशकों का स्थाई कदर बनाने का फैसला भी किया गया।
- केबिनेट द्वारा विभिन्न विकास परियोजनाओं के लिए आवंटन को मंजूरी दी है।