
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के माध्यम से कृषि विभाग किसानों को सशक्त बनाने के लिए लगातार कई योजनाएं और अनुदान कार्यक्रम चला रहा है। इसी कड़ी में, रबी की फसल के लिए सरकार किसानों को 92,000 से ज़्यादा मिनीकिट देगी और उन्हें खेती की नई तकनीकें सिखाने के लिए 8,385 किसान पाठशालाएँ भी चलाएगी। रबी के मौसम में दलहनी फसलों का उत्पादन अधिक होने की संभावना होती है क्योंकि इस समय कीटों और बीमारियों का खतरा कम होता है।
अधिक उत्पादन के लिए सरकार दे रही अनुदान
सरकार किसानों को रबी की दलहनी फसलों का अधिक उत्पादन करने के लिए कई प्रकार के अनुदान दे रही है, ताकि किसान प्रोत्साहित हो सकें। योगी सरकार नई किस्तों को बढ़ावा देने के लिए किसानों को मुफ्त मिनीकिट दे रही है, साथ ही उन्हें प्रति एकड़ 4000 रुपये का अनुदान भी दिया जा रहा है। इसके अलावा, उत्पादन की नई तकनीकों को सिखाने के लिए किसान पाठशालाएँ भी चलाई जा रही हैं।
किसानों को दिए जायेंगे 92518 मिनीकिट
इस रबी सीजन में किसानों को 92518 मिनीकिट दिए जाएंगे, साथ ही 8385 खंड प्रदर्शन और इतनी ही 8385 किसान पाठशालाएं आयोजित करने का लक्ष्य है। नेशनल फूड सिक्योरिटी एंड न्यूट्रीशन मिशन के तहत, दलहनी फसलों के बीजों पर भी सब्सिडी मिल रहा है। 10 साल से कम पुराने बीजों पर ₹5000 प्रति क्विंटल और 10 साल से अधिक पुराने बीजों पर ₹2500 प्रति क्विंटल का अनुदान दिया जा रहा है।
इसके अलावा क्लस्टर प्रदर्शन पर ₹9000 प्रति हेक्टेयर और फसल पद्धति प्रदर्शन पर ₹15000 प्रति हेक्टेयर की सब्सिडी उपलब्ध है। बीजों का अनुदान किसानों को तुरंत दिया जा रहा है, जबकि प्रदर्शनों का अनुदान सीधे चयनित किसानों के बैंक खाते में डीबीटी के माध्यम से भेजा जाएगा।
सरकार ने किसानों को दी सलाह
सरकार किसानों को बढ़ावा देने के लिए लगातार काम कर रही है। हाल ही में सरकार ने एक राज्य-स्तरीय ‘रबी गोष्ठी’ आयोजित की गई थी, जिसमें हजारों किसानों को खेती के नए तरीकों की जानकारी मिली। किसानों को सलाह दी गई है कि वे बुआई से पहले बीजों को बीज शोधन, जैव रसायन और कृषि रक्षा रसायन से शोधित जरूर करें। इससे बीजों और मिट्टी से होने वाली बीमारियों का खतरा खत्म हो जाता है।