
बिहार में ‘मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना’ की बढ़ती लोकप्रियता के बीच, देश भर में महिलाओं को सीधे नकद सहायता (Direct Cash Transfer) देने वाली योजनाओं की चर्चा तेज हो गई है। आज भारत के विभिन्न राज्यों में सरकारें महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने और उनके घरेलू खर्चों में मदद करने के लिए हर महीने बैंक खाते में पैसे भेज रही हैं।
सशक्तिकरण की इस कड़ी में कई राज्यों ने अपनी-अपनी नीतियां लागू कर दी हैं, जिससे करोड़ों महिलाओं को वित्तीय सुरक्षा मिल रही है। आइए देखते हैं कि आपके राज्य में कौन सी योजना चल रही है और आप इसका लाभ कैसे उठा सकती हैं।
15 राज्यों में सरकारें बांट रही हैं ₹2.46 लाख करोड़ की आर्थिक मदद
भारत के लगभग 15 राज्यों में महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के लिए सीधे उनके बैंक खातों में पैसे भेजने की योजनाएं चलाई जा रही हैं। इन योजनाओं पर सरकारें हर साल करीब 2.46 लाख करोड़ रुपये खर्च कर रही हैं। इन सरकारी स्कीमों का मुख्य उद्देश्य उन महिलाओं की मदद करना है जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं, टैक्स नहीं भरती हैं या सरकारी नौकरी में नहीं हैं। कैश ट्रांसफर के जरिए दी जाने वाली यह राशि महिलाओं को अपनी छोटी-बड़ी जरूरतों के लिए किसी और पर निर्भर होने से बचाती है।
मैया सम्मान योजना में मिलेंगे हर महीने ₹2500
झारखंड सरकार महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के मामले में देश के अन्य राज्यों से आगे निकल गई है। ‘मुख्यमंत्री मैया सम्मान योजना’ के तहत राज्य की 18 से 50 वर्ष की पात्र महिलाओं को अब हर महीने 2500 रुपये की नकद सहायता दी जा रही है। इस योजना का लाभ उन महिलाओं को मिलेगा जो सरकारी नौकरी में नहीं हैं और न ही आयकर (Income Tax) भरती हैं। महिलाओं के बैंक खाते में सीधे पैसे भेजने वाली यह योजना उनके दैनिक खर्चों और आत्मनिर्भरता के लिए एक बड़ा सहारा साबित हो रही है।
कर्नाटक गृह लक्ष्मी योजना
कर्नाटक सरकार की ‘गृह लक्ष्मी योजना’ के अंतर्गत परिवार की महिला मुखिया को आर्थिक सहायता के रूप में हर महीने ₹2000 दिए जा रहे हैं। इस योजना का लाभ उन महिलाओं को मिलता है जिनके परिवार की आर्थिक स्थिति सामान्य है। पात्रता के नियमों के अनुसार, यदि महिला या उसके पति इनकम टैक्स (आयकर) भरते हैं या जीएसटी (GST) का भुगतान करते हैं, तो वे इस योजना का लाभ नहीं उठा पाएंगे। यह योजना मुख्य रूप से उन परिवारों की मदद के लिए है जो टैक्स के दायरे में नहीं आते हैं।
लाड़ली बहना और माझी लाडकी बहिन योजना
महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश सरकार महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए खास योजनाएं चला रही हैं। महाराष्ट्र की ‘माझी लाडकी बहिन योजना’ के तहत 21 से 65 वर्ष की महिलाओं को हर महीने ₹1500 दिए जाते हैं, बशर्ते उनके परिवार की सालाना आय ₹2.5 लाख से कम हो। इसी तरह, मध्य प्रदेश में भी ‘लाड़ली बहना योजना’ की राशि बढ़ाकर ₹1500 कर दी गई है। खास बात यह है कि सरकार ने भविष्य में इस सहायता राशि को ₹5000 प्रति माह तक ले जाने के संकेत दिए हैं, जिससे महिलाओं की आर्थिक स्थिति में बड़ा सुधार आएगा।
जानें किस राज्य में महिलाओं को मिल रही है कितनी आर्थिक मदद
भारत के विभिन्न राज्यों में महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई बेहतरीन योजनाएं चलाई जा रही हैं। तमिलनाडु और छत्तीसगढ़ में शादीशुदा महिलाओं को हर महीने ₹1000 दिए जाते हैं, जबकि पश्चिम बंगाल में यह राशि ₹1000 से ₹1200 के बीच है।
असम में महिलाओं को ₹1250 और हिमाचल प्रदेश में अविवाहित महिलाओं को ₹1500 की मासिक सहायता मिलती है। ओडिशा की ‘सुभद्रा योजना’ के तहत 5 साल में ₹50,000 देने का प्रावधान है, वहीं दिल्ली में भी महिलाओं को ₹1000 से लेकर ₹2500 तक की मदद देने की तैयारी चल रही है। ये सभी योजनाएं सीधे बैंक खाते में पैसा भेजकर महिलाओं की आर्थिक स्थिति मजबूत कर रही हैं।









