
अगर आप अपने कीमती गहनों या ज़रूरी दस्तावेज़ों को सुरक्षित रखना चाहते हैं, तो बैंक लॉकर एक बहुत अच्छा विकल्प है। यह एक सुरक्षित सुविधा है, जो लगभग सभी बैंकों में मिलती है। हालांकि, लॉकर लेने से पहले आपको इसकी उपलब्धता (हर शाखा में लॉकर नहीं होता), किराया और बैंक की ज़िम्मेदारियों से जुड़े नियमों को अच्छी तरह समझ लेना चाहिए। आवेदन करने से पहले अपने नज़दीकी बैंक शाखा में लॉकर की उपलब्धता की जानकारी ज़रूर लें।
बैंक लॉकर लेने के लिए ज़रूरी बातें
अगर आप बैंक में लॉकर लेना चाहते हैं, तो इसके लिए आपका बैंक में सेविंग (बचत) या करेंंट अकाउंट (चालू खाता) होना अनिवार्य है। अकाउंट होने के साथ ही आपको पहचान और पते का प्रमाण (जैसे PAN कार्ड या आधार कार्ड) और एक पासपोर्ट साइज़ फोटो भी बैंक में जमा करनी होगी।
बैंकों में ग्राहकों के लिए लॉकर छोटे, मध्यम और बड़े—इन अलग-अलग साइज़ में उपलब्ध होते हैं। लॉकर का मिलना मुख्य रूप से उनकी उपलब्धता पर निर्भर करता है। कई बार, लॉकर खाली न होने पर ग्राहकों को लॉकर पाने के लिए प्रतीक्षा सूची (वेटिंग लिस्ट) में भी अपना नाम दर्ज कराना पड़ता है।
लॉकर के लिए सिक्योरिटी और किराया
बैंक लॉकर देते समय ग्राहकों से एक सिक्योरिटी अमाउंट (जमानती राशि) लेता है, जिसे लॉकर बंद करने पर वापस कर दिया जाता है। लॉकर का किराया लॉकर के आकार और बैंक की लोकेशन पर निर्भर करता है। आमतौर पर, यह किराया मेट्रो शहरों में छोटे शहरों की तुलना में अधिक होता है।
कीमती सामान का बीमा कराना बेहतर विकल्प
यह हमेशा ध्यान रखें कि बैंक आमतौर पर लॉकर में रखी चीज़ों की ज़िम्मेदारी नहीं लेते, इसलिए अपने कीमती सामान का बीमा कराना हमेशा एक बेहतर विकल्प होता है। इसके अलावा, किसी भी वैधानिक समस्या से बचने और खाताधारक की मृत्यु के बाद भी लॉकर तक पहुँच सुनिश्चित करने के लिए लॉकर के लिए नॉमिनी (Nominee) का नाम देना बहुत ज़रूरी है।









