
आज के समय निवेश के साथ-साथ सोना खरीदना एक बेहतर विकल्प माना जाता है, फिर चाहे शादी हो या त्यौहार मार्किट में हर जगह ही सोने की डिमांड काफी बनी रहती है। हालाँकि सोना खरीदने से पहले उसके बारे में पूरी जानकारी होना बेहद ही जरुरी हो जाता है, अब से सोना खरीदने के लिए 6 अंकों वाला हॉलमार्क यूनीक आइडेंटिफिकेशन नंबर (HUID) अनिवार्य हो चुका है। 1 अप्रैल से लागू इस नियम के बाद बिना HUID नंबर वाले सोने के गहने का बेचना या खरीदना गैर-कानूनी माना जाता है। ऐसे में चलिए जानते हैं Gold Hallmarking Rule से जुडी पूरी जानकरी।
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क्यों है 6 डिजिट वाला HUID कोड जरुरी?
HUID कोड सोने के गहने पर दिया जाने वाला एक 6 अंकिया HUID अल्फान्यूमेरिक कोड होता है। जो हर ज्वैलरी के लिए यूनीक है, यह कोड ज्वैलरी की शुद्धता, रजिस्टर्ड जौलर और BIS हॉलमार्किंग सेंटर के बारे में आधिकारिक रिकॉर्ड से जुड़ा रहता है। इसमें ग्राहकों को यह भरोसा रहता है जो गहने वह खरीद रहे हैं वह पूरी तरह प्रमाणित है। ऐसे में BIS के नए नियम के अनुसार अब बिना 6-अंकीय HUID नंबर के किसी भी सोने के गहने को बेचना या खरीदना कानूनन गलत है।
इसका सीधा मतलब यह है की यदि आप किसी दूकान से सोना खरीद रहे हैं, तो बिल के साथ आपको HUID के विवरण मिलना अनिवार्य है। यह व्यवस्था गोल्ड ट्रेडिंग में फर्जीवाड़े और मिलावट पर रोक लहाने के लिए लागू की गई है।
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HUID नंबर से कैसे होती है शुद्धता सुनिक्षित?
बता दें, हॉलमार्किंग और HUID की पूरी प्रणाली सोने की शुद्धता को वेरिफाई करने के लिए बनाई गई है। HUID नंबर मिलने से यह सुनिश्चित हो जाता है की गहना टेस्टिंग लैब से प्रमाणित होकर ही मार्किट में आया है, इससे धोखाधड़ी या फर्जीवाड़े की संभावना लगभग ख़त्म हो जाती है। वहीं इस नियम को लागू करने का मुख्य उद्देश्य सोन की शुद्धता को सुनिश्चित करना और ग्राहकों को नकली या मिलावटी सोने से बचाना है।
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