
आज के बदलते दौर में गांवों में भी व्यवसाय और रोजगार के नए अवसर तेजी से सामने आ रहे हैं। जहां पहले गांव सिर्फ खेती तक सीमित थे, वहीं अब वहां छोटे-छोटे व्यवसाय शुरू करके अच्छी आय की जा सकती है। यदि आप भी गांव में रहकर आर्थिक रूप से सशक्त बनना चाहते हैं तथा रोज़गार का स्थायी जरिया चाहते हैं, तो ये पाँच व्यवसाय आपके लिए बेहद उपयुक्त हैं।
1. ऑर्गेनिक फल-सब्जी की खेती
स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ने के कारण आज लोग केमिकल मुक्त प्राकृतिक फलों और सब्जियों को अधिक महत्व देते हैं। जैविक खेती से न केवल मिट्टी की गुणवत्ता बनी रहती है, बल्कि बाजार में इनका मूल्य भी अच्छा मिलता है। आप गांव की जमीन पर ऑर्गेनिक खेती कर तीन से चार लाख रुपए के निवेश से महीने के हजारों रुपए कमा सकते हैं। देश और विदेश में इनका डिमांड लगातार बढ़ रहा है जिससे भविष्य में यह व्यवसाय और भी फायदे वाला होगा।
2. दूध डेयरी व्यवसाय
दूध में प्रोटीन भरपूर होता है और यह स्वास्थ्य के लिए अति आवश्यक है। गांव में पशु पालन कर दूध उत्पादन शुरू किया जा सकता है। डेयरी व्यवसाय में कुछ पशु पाले जाते हैं जिनसे रोजाना दूध निकाला जाता है। शुरुआत में लगभग दो लाख रुपए का निवेश और पशु पालन का ज्ञान आवश्यक है। इसके बाद नियमित दूध की बिक्री से अच्छा मासिक लाभ होता है। साथ ही पनीर, दही, घी जैसे डेयरी उत्पाद बनाकर भी मुनाफा बढ़ाया जा सकता है।
3. हर्बल फार्मिंग
आयुर्वेद और हर्बल दवाइयों की मांग दिन-ब-दिन बढ़ रही है। तुलसी, आंवला, पचौली जैसे औषधीय पौधों की खेती कर आप कंपनियों को जड़ी-बूटियां बेच सकते हैं। हर्बल फार्मिंग में निरंतर खरीद की गारंटी रहती है जिससे किसान को स्थिर आय मिलती है। यह व्यवसाय कम पानी की मांग करता है और तीन से चार लाख रुपए के निवेश से शुरू किया जा सकता है।
4. पोल्ट्री फार्मिंग
पांचों वक्त के खाने में प्रोटीन की मांग बढ़ने से अंडे और चिकन की खपत बहुत बढ़ गई है। पोल्ट्री फार्मिंग व्यवसाय गांव में बेहद लाभकारी है। आप मुर्गियों की एक छोटी-सी संख्या से प्रारंभ कर सकते हैं जिसके लिए लगभग दो लाख रुपए की पूंजी लगेगी। अंडे और मांस उत्पादन करके आप मासिक रूप से अच्छी आमदनी कमा सकते हैं।
5. वर्मी कंपोस्ट यूनिट
जैविक खेती को बढ़ावा मिलने के कारण वर्मी कंपोस्ट यानी कींचुए द्वारा बनाई जाने वाली प्राकृतिक खाद की डिमांड तेजी से बढ़ी है। वर्मी कंपोस्ट स्थापित करने के लिए कम निवेश और थोड़ी जमीन की आवश्यकता होती है। किसानों और बागवानों को यह खाद जैविक खेती में चाहिए होती है, जिससे इसकी बिक्री से अच्छी आमदनी होती है।
गांवों में ये पांच व्यवसाय कम पूंजी में शुरू किए जा सकते हैं और स्थायी आय का जरिया बन सकते हैं। यदि इन्हें सही योजना और मेहनत से चलाया जाए तो गांव में रहकर भी आर्थिक समृद्धि हासिल की जा सकती है। साथ ही इन व्यवसायों में स्थानीय संसाधनों का लाभ उठाकर रोजगार के अवसर बनते हैं। इस प्रकार गांवों की आर्थिक मजबूती और युवाओं की आत्मनिर्भरता संभव होती है।








