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Suzlon Energy Share में आ सकती है 40% की तेजी! रिपोर्ट में बताया क्यों होगा ऐसा

क्या आप निवेश करने का कोई बड़ा अवसर ढूंढ रहे हैं? ग्लोबल ब्रोकरेज रिपोर्ट के अनुसार, Suzlon Energy Share में 40% तक की ज़बरदस्त तेज़ी आ सकती है! रिपोर्ट में उन ठोस कारणों का खुलासा किया गया है जिनके दम पर विंड एनर्जी सेक्टर की यह दिग्गज कंपनी बड़ी छलांग लगा सकती है। तुरंत जानें क्यों!

By Pinki Negi

Suzlon Energy Share में आ सकती है 40% की तेजी! रिपोर्ट में बताया क्यों होगा ऐसा
Suzlon Energy Shar

ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म Morgan Stanley ने Suzlon Energy को लेकर एक नई रिपोर्ट जारी की है, जिसमें शेयर में 40 फीसदी तक की तेज़ी आने की संभावना जताई गई है और ₹78 का टारगेट प्राइस दिया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, भारत का विंड एनर्जी सेक्टर अगले तीन सालों में जबरदस्त रफ्तार पकड़ने वाला है, जहाँ FY28 तक विंड इंस्टॉलेशन 12 GW तक पहुँच सकता है। यह तेज़ी 100 GW के 2030 लक्ष्य को भी पार कर सकती है, जिसका सीधा फायदा Suzlon Energy जैसी कंपनियों को मिलेगा।

भारत में विंड एनर्जी की तूफानी रफ्तार

Morgan Stanley की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में विंड एनर्जी की क्षमता में जबरदस्त वृद्धि होने वाली है। अनुमान है कि अगले तीन वित्तीय वर्षों में विंड कैपेसिटी एडिशन तेजी से बढ़ेंगे: FY26 में 6 GW, FY27 में 8-9 GW, और FY28 में 12 GW तक पहुँच जाएँगे। ब्रोकरेज फर्म का मानना है कि यह तेज रफ्तार भारत के 2030 तक 100 GW विंड टारगेट को भी पार कर सकती है, जिससे Suzlon जैसे OEMs (Original Equipment Manufacturers) को बड़ा फायदा होगा। इस ग्रोथ में कमर्शियल और इंडस्ट्रियल (C&I) सेगमेंट से आने वाले 20-30 GW का अतिरिक्त योगदान एक महत्वपूर्ण चालक (ड्राइवर) होगा।

भारत में विंड एनर्जी का बढ़ता प्रभाव

ब्रोकरेज फर्म (Morgan Stanley) ने विंड एनर्जी सेक्टर के तेज़ी से बढ़ने के लिए कई मुख्य कारण बताए हैं, जो इसे नई ऊँचाइयों पर ले जा सकते हैं:

  1. बड़ी अंडर-कंस्ट्रक्शन पाइपलाइन: भारत में इस समय लगभग 40 GW विंड प्रोजेक्ट्स की बड़ी पाइपलाइन तैयार है। इनमें से करीब 25 GW प्रोजेक्ट्स के लिए ऑर्डर मिलना अभी बाकी है। यह स्थिति Suzlon जैसी Original Equipment Manufacturers (OEMs) के लिए जबरदस्त ऑर्डर विजिबिलिटी बनाती है।
  2. C&I सेगमेंट की बढ़ती मांग: कमर्शियल और इंडस्ट्रियल (C&I) सेगमेंट में विंड एनर्जी की मांग तेज़ी से बढ़ रही है। बड़े कॉर्पोरेट अपनी बिजली की ऊंची लागत को कम करने और नेट-ज़ीरो उत्सर्जन के अपने लक्ष्यों को पूरा करने के लिए विंड एनर्जी को अपना रहे हैं।

राज्य के भीतर के प्रोजेक्ट्स से बढ़ेगी इंस्टॉलेशन की रफ़्तार

रिपोर्ट के अनुसार, आने वाले समय में इंट्रा-स्टेट बिड्स (राज्यों के भीतर के प्रोजेक्ट्स) की संख्या तेज़ी से बढ़ेगी। ऐसा इसलिए होगा क्योंकि ISTS (इंटर-स्टेट ट्रांसमिशन सिस्टम) वेवर्स में कमी आ रही है। इंट्रा-स्टेट प्रोजेक्ट्स बढ़ने से डील और प्रोजेक्ट्स तेजी से पूरे होंगे, जिससे विंड एनर्जी इंस्टॉलेशन की कुल रफ्तार में और अधिक वृद्धि देखने को मिलेगी।

Suzlon को क्यों मिलेगा सबसे बड़ा लाभ?

रिपोर्ट के अनुसार, भारत की सबसे बड़ी विंड टरबाइन OEM (Original Equipment Manufacturer) होने के नाते, Suzlon को विंड एनर्जी सेक्टर में हो रही तेज़ी का सबसे बड़ा फायदा मिलेगा। कंपनी को कमर्शियल और इंडस्ट्रियल (C&I) सेगमेंट की बढ़ती मांग का सीधा लाभ प्राप्त होगा। इसके अतिरिक्त, 25 GW की अनऑर्डर्ड प्रोजेक्ट पाइपलाइन में Suzlon की मजबूत उपस्थिति बड़े बुकिंग के अवसर खोल सकती है। Morgan Stanley का मानना है कि सेक्टर की यह तेज रफ्तार और मजबूत ऑर्डर फ्लो Suzlon को आने वाले वर्षों में मार्केट शेयर और राजस्व (Revenue) दोनों बढ़ाने में मदद करेगा।

Author
Pinki Negi
GyanOK में पिंकी नेगी बतौर न्यूज एडिटर कार्यरत हैं। पत्रकारिता में उन्हें 7 वर्षों से भी ज़्यादा का अनुभव है। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत साल 2018 में NVSHQ से की थी, जहाँ उन्होंने शुरुआत में एजुकेशन डेस्क संभाला। इस दौरान पत्रकारिता के क्षेत्र में नए-नए अनुभव लेने के बाद अमर उजाला में अपनी सेवाएं दी। बाद में, वे नेशनल ब्यूरो से जुड़ गईं और संसद से लेकर राजनीति और डिफेंस जैसे कई महत्वपूर्ण विषयों पर रिपोर्टिंग की। पिंकी नेगी ने साल 2024 में GyanOK जॉइन किया और तब से GyanOK टीम का हिस्सा हैं।

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