
नई दिल्ली: आज के दौर में नए और अनोखे बिजनेस आइडियाज से अमीर लोग बड़ी कमाई कर रहे हैं। उन में से एक अनोखा और ध्यान खींचने वाला मामला है अमेरिका की सैन फ्रांसिस्को निवासी टेलर ए हम्फ्रे का, जिन्होंने बच्चों के नामकरण को एक डेढ़ करोड़ रुपये से ज्यादा की कमाई वाला बिजनेस बना लिया है। यह बिजनेस शुरू में थोड़ा अजीब लग सकता है, लेकिन टेलर की सफलता इस बात का साक्ष्य है कि सही आइडिया और प्रोफेशनल अप्रोच से बड़े पैमाने पर पैसा कमाना संभव है।
नामकरण बिजनेस की शुरूआत
टेलर ए हम्फ्रे ने लगभग एक दशक पहले अपने बच्चों के नामों के प्रति जुनून को लेकर ऑनलाइन नामों के सुझाव देना शुरू किया था। शुरुआत में वे केवल 100 डॉलर के आसपास फीस लेती थीं, लेकिन समय के साथ उनके काम और लोकप्रियता ने उन्हें उच्च सेवा मूल्य निर्धारण की ओर बढ़ाया। 2020 तक टेलर ने 100 से अधिक बच्चों के नाम रखने में मदद की और लगभग 1.33 करोड़ रुपये से ज्यादा कमाई की। अब वे इस सेवा के लिए 30,000 डॉलर (लगभग 27 लाख रुपये) तक चार्ज करती हैं और 500 से अधिक बच्चों के नामकरण का उनका पोर्टफोलियो है।
कैसे होती है नामकरण प्रक्रिया?
टेलर का कहना है कि बच्चों का नाम चुनना इतना सरल नहीं है जितना लगता है। वे माता-पिता के व्यक्तित्व और पसंद-नापसंद को समझने के लिए एक विशेष नामकरण प्रश्नावली का इस्तेमाल करती हैं, जिसमें परिवार की पृष्ठभूमि, संस्कृति, रिश्तों का इतिहास और नाम की भावनात्मक जरूरतें शामिल होती हैं। इसके आधार पर टेलर एक कस्टमाइज्ड नामों की सूची बनाती हैं जिसमें हर नाम का अर्थ, उत्पत्ति और लोकप्रियता का इतिहास शामिल होता है।
यह प्रोसेस बच्चों के नामों को सिर्फ एक पहचान तक सीमित नहीं रखती, बल्कि उनके व्यक्तित्व, जीवन के लक्ष्य और संभावनाओं के अनुरूप विशेष नाम चुनने में मदद करती है। इसके अलावा, टेलर कई बार परिवार में नाम को लेकर मतभेदों को सुलझाने में भी मध्यस्थ की भूमिका निभाती हैं।
फीस संरचना और लोकप्रियता
नामकरण की सेवाओं के तीन स्तर हैं:
- बेसिक पैकेज, जिसमें ईमेल के माध्यम से नाम सुझाए जाते हैं और जिसकी कीमत लगभग 200 डॉलर हैं।
- प्रीमियम पैकेज, जिसमें माता-पिता से गहरे स्तर पर बातचीत कर एकदम अनूठे और अर्थपूर्ण नाम तय किए जाते हैं; इसकी फीस $10,000 से $30,000 तक होती है।
टेलर के क्लाइंट ज्यादातर अमीर व्यक्ति और हाई-प्रोफाइल सेलिब्रिटी होते हैं, जो अपने बच्चों के लिए विशेष और यादगार नाम चाहते हैं। टेलर की सोशल मीडिया पर लाखों फॉलोअर्स हैं, जो उनके काम की लोकप्रियता का पैमाना हैं।
आखिर क्यों खास है यह बिजनेस?
जहां भारत में बच्चों के नामकरण में पारंपरिक रीति-रिवाज और धार्मिक मान्यताएं अहम होती हैं, वहीं टेलर का तरीका वैज्ञानिक और मनोवैज्ञानिक दृष्टिकोण पर आधारित है। उनका मानना है कि नाम व्यक्ति के भविष्य, करियर और व्यक्तित्व पर गहरा प्रभाव डालता है। इसीलिए माता-पिता इस सेवा के लिए बड़ी रकम खर्च करने को तैयार रहते हैं।
टेलर हम्फ्रे का यह बिजनेस हमें बताता है कि यदि कोई अपनी रुचि और विशेषज्ञता को सही दिशा दे, तो वह उससे बड़ा व्यवसाय खड़ा कर सकता है। बच्चों के नाम से जुड़े व्यक्तिगत फैसले भी अब प्रोफेशनलिशन और तकनीकी इनोवेशन के जरिए लिए जा रहे हैं, जो बदलते समय के साथ नए अवसर लेकर आ रहे हैं। यह कहानी सभी को प्रेरित करती है कि वे अपने हुनर को व्यावसायिक रूप देने का साहस दिखाएं और क्रिएटिव सोच से नए-नए व्यवसाय के अवसर तलाशें।








