
राजस्थान में मुफ्त राशन योजना के लाभार्थियों की जाँच के बाद बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा सामने आया है। अब तक 60 लाख से अधिक ऐसे लोग राशन सूची से हटाए जा चुके हैं जो इसके पात्र नहीं थे, और यह संख्या एक करोड़ तक पहुँच सकती है। इन अपात्र लोगों में से आधे से ज्यादा ने खुद ही अपना नाम कटवा लिया है, जबकि बाकियों को KYC अपडेट न कराने के कारण सूची से बाहर कर दिया गया है।
60 लाख से ज़्यादा अपात्र लाभार्थियों को किया बाहर
राज्य सरकार ने साफ़ कहा है कि जो भी अपात्र लोग 31 अक्टूबर तक खुद ही सूची से अपना नाम नहीं हटाते है, उनसे ₹30 से ज़्यादा प्रति किलोग्राम की दर से वसूली की जाएगी और उनके नाम सार्वजनिक भी किए जाएँगे। दावा है कि यह पहली ऐसी योजना है जिससे अभी तक 60 लाख से ज़्यादा अपात्र लाभार्थियों को बाहर किया जा चुका है।
सरकार ने पिछले साल से शुरू किया विशेष अभियान
राजस्थान की भजन लाल शर्मा सरकार ने पिछले साल 1 नवंबर से एक विशेष अभियान शुरू किया था, क्योंकि सरकार को शिकायतें मिल रही थीं कि बहुत से ग़ैर-ज़रूरी लोग राशन योजना का फ़ायदा उठा रहे थे, जबकि असली ज़रूरतमंद बाहर थे। इस अभियान के तहत पहले तो सक्षम लोगों से खुद ही योजना छोड़ने की अपील की गई। इसके बाद, सभी राशन कार्ड धारकों की KYC (नो योर कस्टमर) प्रक्रिया शुरू की गई और यह चेतावनी भी दी गई कि जो अपात्र लोग खुद नहीं हटेंगे, उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई की जाएगी।
33 लाख से ज़्यादा लोगों ने खुद हटाया अपना नाम
सरकार की सख़्ती के चलते अब तक 33 लाख से ज़्यादा लोगों ने यह कहकर खुद ही योजना से अपना नाम हटवा लिया है कि वे आर्थिक रूप से सक्षम हैं। वहीं, 27 लाख से ज़्यादा लोग KYC वेरिफिकेशन में फेल हो गए हैं। KYC की प्रक्रिया अभी भी जारी है, इसलिए आने वाले समय में यह संख्या और भी बढ़ सकती है।
मंत्री सुमित गोदारा ने साफ़ कहा
मंत्री सुमित गोदारा ने स्पष्ट किया है कि उनका लक्ष्य सिर्फ मुफ्त राशन योजना से अपात्र लोगों को बाहर करना नहीं है, बल्कि यह सुनिश्चित करना है कि केवल योग्य लोगों को ही इसका लाभ मिले। उनके अनुसार, जहाँ लगभग 60 लाख अपात्र लोग योजना से बाहर हुए हैं, वहीं 63 लाख ऐसे योग्य लोगों को जोड़ा गया है जिन्हें पहले मुफ्त राशन नहीं मिल रहा था।