
SIR Controversy: पश्चिम बंगाल में आजकल मतदाता सूची के पुनरीक्षण को लेकर काफी चर्चा चल रही है, जहाँ पहले बिहार में चुनाव की काफी चर्चा चल रही थी अब यहाँ डर का माहौल बन गया है। बता दें बंगाल के मुस्लिम बहुल जिलों जैसे मुर्शिदाबाद, मालदा और उत्तर व दक्षिण दिनाजपुर में कार्यालयों के बाहर लोगों की भीड़ लगी हुई है ताकि जन्म प्रमाण पत्र में गलतियां ठीक करवाए अथवा इसे बनाने के लिए आवेदन किए जा रहें हैं। यह भीड़ उस दिन से हुई है जब से केंद्रीय चुनाव आयोग ने मतदाता सूची के पुनरीक्षण का काम शुरू किया है।
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लोगों को क्यों लग रहा डर?
अब मतदाता सूची में बदलाव किया जाएगा, इसमें फर्जी लोगों को सूची से बाहर किया जाएगा। इसके बाद NRC लागू होने वाली है। इसलिए मुस्लिम लोगों को अधिक डर है कि बाद में क़ानूनी परेशानी और अन्य दिक्क़ते आ सकती है इसलिए वे अभी से दस्तावेजों को ठीक करवा रहें हैं।
इस वजह से सरकारी दफ्तरों में रोज भीड़ लग गई है और कर्मचारी भी परेशान हो रहें हैं। बता दें मुर्शिदाबाद के बरहमपुर में हर दिन 500 से लेकर 600 आवेदन किए जा रहें हैं जहां एक दिन में सिर्फ 10-12 आवेदन से अधिक नहीं होते थे।
बढ़ती संख्या का फायदा उठाने के लिए अब बिचौलिया भी एक्टिव हो गए हैं। जन्म प्रमाण पत्र में गलतियां ठीक करने अथवा इसे बनवाने के लिए लोगों से 1,000 रूपए 5,000 रूपए की फिरौती मांग रहें हैं।
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राजनीतिक और बहस जारी
इस मामले में राजनीतिक दलों में खूब टकराव और बहस बाजी की जा रही है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अधीर चौधरी ने राज्य सरकार की आलोचना करते हुए कहा है कि टीएमसी को फायदा दिलाने के लिए जानकर डर का माहौल बनाया जा रहा है।
वही बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष शमिक भट्टाचार्य ने टीएमसी पर आरोप लगाया है कि वह राज्य में लोगों के बीच डर पैदा कर रहें है। दस्तावेजों से जुड़ी समस्या और आम लोग अब परेशानी झेल रहें हैं।
