
आज के आधुनिक दौर में भी हमारा समाज शादी के मामले में जाति और स्टेटस जैसी पुरानी परंपराओं में जकड़ा हुआ है। जब दो बालिग अपनी पसंद से विवाह करना चाहते हैं, तो अक्सर जाति की दीवारें उनके रास्ते का रोड़ा बन जाती हैं।
विशेष रूप से हरियाणा और राजस्थान जैसे राज्यों के कुछ समुदायों में अपनी ही जाति में शादी के नियम इतने कड़े हैं कि इनके उल्लंघन पर लड़का-लड़की को अपनी जान से हाथ धोना पड़ता है। समाज की झूठी शान के नाम पर की जाने वाली इन हत्याओं को ‘ऑनर किलिंग’ कहा जाता है, जो हमारे विकास पर एक गंभीर सवाल खड़ा करती हैं।
इंटरकास्ट मैरिज पर मिलेंगे 10 लाख रुपये
जातिगत भेदभाव को मिटाने और अंतरजातीय विवाह को बढ़ावा देने के उद्देश्य से राजस्थान सरकार एक शानदार योजना चला रही है। इस योजना के तहत, यदि कोई जोड़ा दूसरी जाति में विवाह (Inter-caste Marriage) करता है, तो सरकार उन्हें 10 लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान करती है। इस मदद का मुख्य लक्ष्य नवविवाहित जोड़ों को आर्थिक मजबूती देना है, ताकि वे बिना किसी सामाजिक या वित्तीय दबाव के अपनी नई गृहस्थी की सुखद शुरुआत कर सकें।
जातिवाद मिटाने के लिए राजस्थान सरकार की अनूठी पहल
राजस्थान सरकार की ‘डॉ. सविता बेन आंबेडकर अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना’ का मुख्य उद्देश्य समाज में जाति के नाम पर फैली दूरियों को खत्म करना है। इस योजना के जरिए सरकार उन जोड़ों को आर्थिक सहायता और प्रोत्साहन प्रदान करती है जो जातिगत भेदभाव को भुलाकर एक-दूसरे से विवाह करते हैं। यह पहल सामाजिक एकता को मजबूत करने और भेदभाव रहित समाज के निर्माण की दिशा में एक बड़ा कदम है।
डॉ. सविता बेन आंबेडकर योजना के लिए जरूरी पात्रता
डॉ. सविता बेन आंबेडकर योजना का लाभ लेने के लिए निम्नलिखित पात्रता शर्तें (Conditions) पूरी होनी चाहिए:
- जाति संबंधी शर्त: जोड़े में से एक व्यक्ति अनुसूचित जाति (SC) का होना चाहिए और दूसरा सामान्य वर्ग का होना चाहिए।
- मूल निवास: पति और पत्नी दोनों राजस्थान के मूल निवासी होने अनिवार्य हैं।
- आयु सीमा: शादी के समय महिला की उम्र 18 से 35 वर्ष और पुरुष की उम्र 21 से 35 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
- आय सीमा: दंपत्ति की कुल वार्षिक पारिवारिक आय 2.5 लाख रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए।
- प्रथम विवाह: यह लाभ केवल पहली शादी पर ही मिलता है। पुनर्विवाह करने वाले जोड़े इसके पात्र नहीं हैं (सिवाय विधवा विवाह के मामले में)।
- आपराधिक रिकॉर्ड: आवेदन करने वाले किसी भी व्यक्ति का कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं होना चाहिए।
- अन्य योजनाएं: जोड़े ने केंद्र या राज्य सरकार की किसी अन्य समान प्रोत्साहन योजना का लाभ न लिया हो।
- सहमति: विवाह पूरी तरह से आपसी सहमति से और बिना किसी दबाव के होना चाहिए।
शादी पर मिलने वाली 10 लाख रुपये की सहायता का विवरण
जब अनुसूचित जाति (SC) का कोई युवक या युवती किसी सवर्ण हिंदू से विवाह करता है, तो राजस्थान सरकार कुल 10 लाख रुपये की राशि प्रदान करती है, जिसे दो महत्वपूर्ण हिस्सों में बाँटा गया है:
- 5 लाख रुपये (नकद सहायता): यह राशि सीधे पति-पत्नी के जॉइंट बैंक अकाउंट में जमा की जाती है। इसका उद्देश्य नए शादीशुदा जोड़े को अपनी गृहस्थी शुरू करने के लिए तत्काल आर्थिक सहारा देना है।
- 5 लाख रुपये (भविष्य के लिए सुरक्षित): शेष 5 लाख रुपये की फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) कराई जाती है। यह राशि 8 साल की लॉक-इन अवधि के लिए बैंक में जमा रहती है, ताकि भविष्य में कपल के पास एक बड़ी पूंजी सुरक्षित रहे।









