Tags

देशभर में SIR प्रक्रिया अगले हफ्ते से शुरू! इन राज्यों से होगी शुरुआत, लिस्ट देखें

देशभर में 'SIR' (स्पेशल इंटेंसिव रिविज़न) प्रक्रिया अगले सप्ताह से शुरू होने वाली है! यह एक बड़ा अभियान है जो चरणबद्ध तरीके से होगा। जानिए, कौन से वो शुरुआती राज्य हैं जहाँ यह महत्वपूर्ण प्रक्रिया सबसे पहले लागू होगी और इसका उद्देश्य क्या है।

By Pinki Negi

देशभर में SIR प्रक्रिया अगले हफ्ते से शुरू! इन राज्यों से होगी शुरुआत, लिस्ट देखें
SIR प्रक्रिया अगले हफ्ते से शुरू

पूरे देश में अगले हफ़्ते से मतदाता सूची को सुधारने का एक बड़ा अभियान शुरू होने जा रहा है। चुनाव आयोग अगले हफ़्ते के बीच तक इस अभियान के पहले चरण की आधिकारिक घोषणा कर देगा। इस काम में, वोटर लिस्ट से मरे हुए, कहीं और जा चुके या बार-बार आए नामों को हटाया जाएगा और नए मतदाताओं के नाम जोड़े जाएँगे।

इतने राज्यों से शुरू होगी SIR प्रक्रिया

जानकारी के अनुसार, SIR प्रक्रिया पहले चरण में लगभग 10 से 15 राज्यों में शुरू की जाएगी। इनमें मुख्य रूप से असम, तमिलनाडु, पुद्दुचेरी, केरल और पश्चिम बंगाल जैसे वे राज्य शामिल हैं, जहाँ अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। हालांकि, जिन राज्यों में अभी स्थानीय चुनाव चल रहे हैं या जल्द ही शुरू होने वाले हैं, वहाँ यह प्रक्रिया अभी लागू नहीं होगी, क्योंकि इन जगहों पर सरकारी अमला चुनावी कामों में व्यस्त रहेगा।

बिहार चुनाव लिस्ट से 50 लाख लोगों का नाम हटा

बिहार में अभी-अभी एक ख़ास मतदाता सूची की जाँच और बदलाव का काम पूरा हुआ है। वहाँ 30 सितंबर को जारी की गई फाइनल वोटर लिस्ट में करीब 7 करोड़ 42 लाख लोगों के नाम हैं। इस समय लगभग 50 लाख नाम लिस्ट से हटाए गए हैं। इनमें वे नाम शामिल थे जो या तो मृत हो चुके थे, या जिन्होंने अपना घर बदल लिया था, या जिनके नाम लिस्ट में एक से ज़्यादा बार दर्ज थे।

वोटर लिस्ट में बदलाव

इस बार वोटर लिस्ट में बदलाव करने के लिए, हर राज्य में पिछली बार की ‘एसआईआर’ (SIR) सूची को आधार बनाया जाएगा। उदाहरण के लिए, जिस तरह बिहार में 2003 की सूची इस्तेमाल हुई थी, वैसे ही बाकी राज्यों में भी पिछली एसआईआर लिस्ट को ही मानक माना जाएगा। यह पिछली एसआईआर सूची ज़्यादातर राज्यों में 2002 से 2004 के दौरान बनी थी। अब, वर्तमान वोटरों के नामों की तुलना उसी पुरानी सूची से की जाएगी ताकि यह पहचाना जा सके कि कौन से नाम हटाने हैं या उनका सत्यापन करना ज़रूरी है।

सूची में बदलाव करने का उद्देश्य

चुनाव आयोग और कुछ पार्टियों का कहना है कि मतदाता सूची में बदलाव करने का मुख्य उद्देश्य ‘अवैध विदेशी लोगों’ को बाहर निकालना है। इसके तहत खास तौर पर बांग्लादेश और म्यांमार से आए लोगों के नामों की जाँच की जाएगी। दूसरी ओर, विपक्षी दलों ने इस फ़ैसले पर आपत्ति जताई है, उनका कहना है कि यह कदम भेदभावपूर्ण है और इससे गरीब, विस्थापित और अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को परेशानी हो सकती है।

चुनाव आयोग की राज्य चुनाव अधिकारियों के साथ बैठक

चुनाव आयोग ने अब तक दो बार राज्य चुनाव अधिकारियों के साथ बैठक की है। लोगों को अपनी एंट्री जाँचने में मदद करने के लिए, कई राज्यों ने अपनी पुरानी वोटर लिस्ट को वेबसाइट पर डाल दिया है; जैसे दिल्ली ने 2008 की और उत्तराखंड ने 2006 की लिस्ट जारी की है। इस राष्ट्रव्यापी पहल से आयोग को उम्मीद है कि पूरे देश में मतदाता सूची ज़्यादा सही और स्पष्ट बन पाएगी।

Author
Pinki Negi
GyanOK में पिंकी नेगी बतौर न्यूज एडिटर कार्यरत हैं। पत्रकारिता में उन्हें 7 वर्षों से भी ज़्यादा का अनुभव है। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत साल 2018 में NVSHQ से की थी, जहाँ उन्होंने शुरुआत में एजुकेशन डेस्क संभाला। इस दौरान पत्रकारिता के क्षेत्र में नए-नए अनुभव लेने के बाद अमर उजाला में अपनी सेवाएं दी। बाद में, वे नेशनल ब्यूरो से जुड़ गईं और संसद से लेकर राजनीति और डिफेंस जैसे कई महत्वपूर्ण विषयों पर रिपोर्टिंग की। पिंकी नेगी ने साल 2024 में GyanOK जॉइन किया और तब से GyanOK टीम का हिस्सा हैं।

हमारे Whatsaap ग्रुप से जुड़ें