
ग्रेटर नोएडा में गंगा एक्सप्रेसवे को यमुना एक्सप्रेसवे से जोड़ने के लिए लिंक एक्सप्रेसवे बनाने का काम तेज़ हो गया है। इस परियोजना को यूपीडा (उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण) पूरा करेगा। इसके लिए यीडा क्षेत्र के 16 गाँवों में लगभग 740 एकड़ जमीन खरीदी जाएगी। जमीन खरीदने का सर्वे पूरा हो चुका है और जनवरी से जमीन खरीदने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।
गंगा और यमुना एक्सप्रेसवे को जोड़ने वाला लिंक रोड
गंगा एक्सप्रेसवे को यमुना एक्सप्रेसवे से जोड़ने के लिए एक लगभग 74 किलोमीटर लंबा लिंक एक्सप्रेसवे बनाया जाएगा। यह लिंक रोड गंगा एक्सप्रेसवे के बुलंदशहर में सियाना क्षेत्र से शुरू होगा और यमुना एक्सप्रेसवे पर सेक्टर-21 (फिल्म सिटी के पास) जाकर मिलेगा। इस लिंक रोड का लगभग 20 किलोमीटर हिस्सा यीडा (YEIDA) क्षेत्र में पड़ेगा, जिसमें से 9 किलोमीटर की सड़क एलिवेटेड (ऊपर उठी हुई) होगी। इस प्रोजेक्ट के लिए, ज़मीन अधिग्रहण पर सहमति बनाने के लिए यमुना प्राधिकरण और किसानों के बीच जल्द ही बैठक होगी।
परियोजना पर आएगा 4000 करोड़ का खर्च
इस लिंक एक्सप्रेसवे परियोजना पर लगभग ₹4000 करोड़ का खर्च आने का अनुमान है, जिसमें से करीब ₹1200 करोड़ जमीन खरीदने पर खर्च होंगे। इस एक्सप्रेसवे के बनने से आस-पास के ग्रामीण इलाकों और गांवों के लोगों को आने-जाने की बेहतर सुविधा मिलेगी। इस परियोजना के लिए कुल 56 गांवों की जमीन ली जाएगी। प्राधिकरण के अधिकारियों के अनुसार, जमीन अधिग्रहण के लिए गौतमबुद्ध नगर के 8 गांव और बुलंदशहर जिले के 48 गांव शामिल हैं।
नए एक्सप्रेसवे से यात्रा और व्यापार को फायदा
इस नए एक्सप्रेसवे के बनने से दिल्ली, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, आगरा और मुंबई के लोगों की यात्रा आसान हो जाएगी। साथ ही, इससे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट तक भी सीधी पहुँच (कनेक्टिविटी) मिलेगी। इससे यात्रियों और व्यापार दोनों को बहुत फायदा होगा। प्राधिकरण (Authority) के अधिकारियों के अनुसार, ज़मीन अधिग्रहण के बाद एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य यूपीडा (UPIDA) द्वारा कराया जाएगा, जिससे पूरे क्षेत्र के विकास में अहम भूमिका निभाई जाएगी।









