
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण के एक दावे ने देश की राजनीति में बड़ी हलचल मचा दी है। उन्होंने पिंपरी-चिंचवड़ में एक कार्यक्रम के दौरान कहा है कि 19 दिसंबर को भारत का प्रधानमंत्री बदल जाएगा और इस बार देश को एक मराठी प्रधानमंत्री मिलेगा, जिससे सियासी गलियारों में जोरदार चर्चाएँ शुरू हो गई हैं।
पृथ्वीराज चव्हाण के राजनीतिक दावों पर चर्चा
वरिष्ठ नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने एक महीने के भीतर दूसरी बार यह दावा दोहराया है। सांगली में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान भी उन्होंने ऐसी ही बात कही थी। चव्हाण का कहना है कि प्रधानमंत्री कार्यालय में लंबे समय तक काम करने के अनुभव के कारण वे दिल्ली के राजनीतिक हालात को अच्छी तरह समझते हैं, इसलिए उनके बयानों को गंभीरता से लिया जा रहा है। हालांकि, उनके पास ठोस सबूतों की कमी होने के कारण इन दावों पर सवाल भी उठ रहे हैं।
अमेरिकी घटनाओं का भारतीय राजनीति पर संभावित असर
पृथ्वीराज चव्हाण ने यह दावा करते हुए अमेरिका की राजनीतिक घटनाओं का उल्लेख किया कि वहाँ एक व्यक्ति (जिसे इजराइल का गुप्तचर बताया जा रहा है) ने कई बड़े नेताओं के बंगलों में कैमरे लगाकर स्टिंग ऑपरेशन किया है। उन्होंने बताया कि इस स्टिंग ऑपरेशन के खुलासे जल्द होने वाले हैं, जिससे कई बड़े चेहरों से पर्दा उठ सकता है।
चव्हाण के अनुसार, अमेरिका में एक नए कानून के तहत 19 दिसंबर को इन नेताओं के नाम सार्वजनिक किए जाएँगे, हालांकि उन्हें खुद इन नामों की जानकारी नहीं है। उन्होंने आगाह किया कि इन खुलासों का असर भारत समेत पूरी दुनिया की राजनीति पर पड़ सकता है।
अमेरिका में एपस्टीन फाइल्स और सियासी असर
कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने अमेरिका में जेफ्री एपस्टीन फाइल्स का हवाला देते हुए कहा कि इनके सामने आने से वहाँ एक बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है। हाल ही में डेमोक्रेटिक समिति द्वारा डोनाल्ड ट्रंप और एपस्टीन की 19 तस्वीरें सार्वजनिक की गईं, जिससे अमेरिका की राजनीति में हलचल मच गई है और ट्रंप की स्थिति कमज़ोर होती दिख रही है। चव्हाण का मानना है कि इन अमेरिकी घटनाओं का असर भारत की राजनीति पर भी पड़ सकता है।
भाजपा ने पृथ्वीराज चव्हाण के दावों को नकारा
भाजपा ने पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण के उस बयान को पूरी तरह से गलत बताया है जिसमें उन्होंने प्रधानमंत्री बदलने की संभावना जताई थी। भाजपा नेताओं ने कड़ा पलटवार करते हुए कहा है कि अमेरिका में जो कुछ भी हो रहा है, उसका भारत सरकार या प्रधानमंत्री से कोई संबंध नहीं है। उनका कहना है कि मराठी व्यक्ति को प्रधानमंत्री बनाने या पद बदलने का यह दावा बेबुनियाद अफवाह है। भाजपा का आरोप है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ख़िलाफ़ जानबूझकर भ्रम फैलाने और देश में अस्थिरता पैदा करने की साज़िश के तहत ऐसी बातें फैलाई जा रही हैं। फ़िलहाल, इस बयान ने देश की राजनीति को गरमा दिया है।









