
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बीएसएफ (BSF) भर्ती के नियमों में बड़ा बदलाव करते हुए पूर्व-अग्निवीरों के लिए आरक्षण की सीमा 10% से बढ़ाकर सीधे 50% कर दी है। अब भर्ती प्रक्रिया दो चरणों में होगी: पहले चरण में 50% सीटें पूर्व-अग्निवीरों के लिए सुरक्षित रखी जाएंगी, जबकि दूसरे चरण में स्टाफ सिलेक्शन कमीशन (SSC) बाकी बची सीटों पर भर्ती करेगा। इस नए नियम से अग्निवीरों के लिए सेना के बाद अर्धसैनिक बलों में करियर बनाना और भी आसान हो जाएगा।
BSF में पूर्व-अग्निवीरों और महिलाओं के लिए भर्ती के नए नियम
बीएसएफ (BSF) ने पूर्व-अग्निवीरों के लिए भर्ती नियमों में बदलाव किया है, जिसके तहत अगर पहले चरण में उनकी सीटें खाली रह जाती हैं, तो उन्हें दूसरे चरण में भरा जाएगा। साथ ही, अब हर साल बीएसएफ के महानिदेशक अपनी जरूरत के अनुसार महिला उम्मीदवारों के लिए सीटों की संख्या तय करेंगे। ध्यान देने वाली बात यह है कि ये नए नियम फिलहाल केवल बीएसएफ के लिए ही लागू हैं, अन्य केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPFs) में अभी भी पूर्व-अग्निवीरों के लिए 10% आरक्षण का पुराना नियम ही प्रभावी है।
भर्ती नियमों में हुआ बदलाव
सरकार ने पूर्व-अग्निवीरों के लिए भर्ती प्रक्रिया को आसान बनाते हुए अब उन्हें शारीरिक दक्षता परीक्षा (Physical Test) से छूट दे दी है, हालांकि नौकरी पाने के लिए उन्हें लिखित परीक्षा उत्तीर्ण करना अनिवार्य होगा। यह फैसला उनकी सेना में दी गई सेवाओं को देखते हुए लिया गया है। गौरतलब है कि 14 जून 2022 को शुरू हुई अग्निपथ योजना के तहत भर्ती हुए ये जवान बीएसएफ (BSF) और भारतीय सेना के साथ मिलकर सीमा सुरक्षा में अहम भूमिका निभाते रहे हैं, जैसे कि जम्मू-कश्मीर के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में उनकी संयुक्त कार्रवाई देखने को मिली थी।
पाकिस्तान के मिसाइल हमलों को किया नाकाम
भारतीय सेना की ‘अग्निपथ योजना’ के तहत भर्ती हुए युवा अग्निवीरों ने हाल ही में पाकिस्तान के खिलाफ हुए बड़े टकराव में अपनी बहादुरी का लोहा मनवाया है। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान महज 20 साल की उम्र के लगभग 3,000 अग्निवीरों ने आधुनिक हथियारों और एयर डिफेंस सिस्टम को इतनी कुशलता से संभाला कि पाकिस्तान के मिसाइल और ड्रोन हमले पूरी तरह विफल हो गए। मात्र दो साल के अनुभव के बावजूद, इन जवानों ने भारत की सुरक्षा दीवार (एयर डिफेंस शील्ड) को इतना मजबूत बनाए रखा कि दुश्मन हमारे सैन्य ठिकानों और शहरों को कोई नुकसान नहीं पहुँचा सका।
अग्निवीर योजना भर्ती के नियम
अग्निवीर कार्यक्रम के तहत युवाओं (17.5 से 21 वर्ष) को 4 साल के लिए सेना में सेवा करने का मौका मिलता है, जिसके बाद बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले 25% सैनिकों को स्थाई तौर पर 15 साल के लिए सेना में शामिल कर लिया जाता है। इस योजना का लक्ष्य सेना को अधिक युवा और चुस्त बनाना है। जो अग्निवीर 4 साल बाद बाहर आएंगे, उनके लिए अर्धसैनिक बलों (Paramilitary forces) में भर्ती होना अब और आसान हो गया है, क्योंकि सरकार ने उनके लिए उम्र सीमा में छूट दी है और शारीरिक दक्षता परीक्षा (Physical Test) की अनिवार्यता को भी खत्म कर दिया है।
पूर्व-अग्निवीरों के लिए सरकारी नौकरी का सुनहरा अवसर
अब पूर्व-अग्निवीरों के लिए करियर के नए रास्ते खुल गए हैं, जहाँ उन्हें BSF (सीमा सुरक्षा बल) में कॉन्स्टेबल के रूप में काम करने का मौका मिलेगा। सरकार ने उनके भविष्य को ध्यान में रखते हुए उम्र सीमा में बड़ी छूट दी है, जिसके तहत पहले बैच के अग्निवीरों को आयु में 5 साल और बाद के बैचों को 3 साल की राहत मिलेगी। जहाँ पुराने नियमों में सैनिक 20 साल की सेवा के बाद रिटायर होते थे, वहीं यह नया नियम युवाओं को कम उम्र में ही एक और सुरक्षित और सम्मानजनक सरकारी नौकरी पाने का अवसर प्रदान करता है।









