
दिल्ली-एनसीआर में हवा की गुणवत्ता लगातार बिगड़ रही है। एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) कई इलाकों में 400 से ऊपर पहुंच चुका है, जबकि लोगों का दावा है कि कुछ जगहों पर यह 700 के पार चला गया है। हालात गंभीर होते देख फिर से GRAP-3 (Graded Response Action Plan) लागू कर दिया गया है। इसका मतलब है कि राजधानी और आसपास के इलाकों में अब कई तरह की पाबंदियां वापस लौटेंगी।
क्या है GRAP और क्यों लागू होता है?
हर साल सर्दियों के मौसम में जब दिल्ली की हवा ‘Severe Category’ (AQI 401-450) तक पहुंच जाती है, तब CAQM (Commission for Air Quality Management) की सिफारिश पर सरकार GRAP लागू करती है। इसका मकसद प्रदूषण के बढ़ते स्तर को नियंत्रित करना और जनता के स्वास्थ्य की सुरक्षा करना होता है। GRAP दरअसल एक एक्शन प्लान है जिसमें यह तय किया जाता है कि किस स्तर पर किन गतिविधियों पर रोक लगेगी जैसे कंस्ट्रक्शन, वाहनों की एंट्री या ऑफिस के संचालन की सीमा।
वर्क फ्रॉम होम की तैयारी, दफ्तरों में कम स्टाफ
GRAP-3 लागू होने के बाद एक बार फिर सरकारी और निजी दफ्तरों को सीमित स्टाफ के साथ काम करने की सलाह दी गई है। सरकार जल्द ही फैसला ले सकती है कि कर्मचारियों को 50% वर्क फ्रॉम होम की सुविधा दी जाए। इससे न सिर्फ ट्रैफिक और वाहन धुआं कम होगा, बल्कि प्रदूषण का असर भी घटेगा। कई प्राइवेट कंपनियों ने पहले ही अपने कर्मचारियों को हाइब्रिड मोड में काम करने का निर्देश देना शुरू कर दिया है।
छोटे बच्चों के लिए स्कूलों का हाइब्रिड मॉडल
प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए दिल्ली सरकार ने पहले भी कक्षा 5 तक के बच्चों को वर्चुअल क्लासेस की सुविधा दी थी। अब GRAP-3 लागू होने के बाद एक बार फिर स्कूलों को हाइब्रिड मोड पर चलाने की सिफारिश की गई है। हालांकि बोर्ड परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों की कक्षाएं फिलहाल जारी रहेंगी, जबकि विंटर वेकेशन का ऐलान भी जल्द किया जा सकता है ताकि छोटे बच्चों को प्रदूषण से बचाया जा सके।
किन गतिविधियों पर लगेगी रोक
जैसे ही GRAP-3 लागू होता है, कई तरह की पाबंदियां अपने आप प्रभावी हो जाती हैं:
- सभी कंस्ट्रक्शन और डिमोलिशन एक्टिविटीज पर तुरंत रोक लग जाती है।
- केवल जरूरी सरकारी प्रोजेक्ट जैसे मेट्रो, फ्लाईओवर और अस्पताल निर्माण कार्य जारी रह सकते हैं, वह भी पानी के छिड़काव और डस्ट कंट्रोल के साथ।
- पुराने और प्रदूषण फैलाने वाले BS-3 पेट्रोल और BS-4 डीज़ल वाहनों की एंट्री पर रोक लगाई जाती है।
- सड़कों पर पानी का छिड़काव और एंटी-स्मॉग गन के उपयोग की अनिवार्यता बढ़ा दी जाती है।
कब तक रहेंगे ये प्रतिबंध?
GRAP-3 के ये सभी नियम तब तक लागू रहेंगे जब तक एयर क्वालिटी में सुधार नहीं दिखता। CAQM प्रतिदिन डेटा मॉनिटर करता है और हालात सामान्य होते ही चरणबद्ध तरीके से इन पाबंदियों को हटाया जाता है। फिलहाल सरकार और पर्यावरण विभाग ने जनता से अपील की है कि बे वजह यात्रा से बचें, कार पूलिंग का इस्तेमाल करें और प्रदूषण नियंत्रण नियमों का पालन करें।
साफ हवा का इंतजार
दिल्ली-एनसीआर में हर साल की तरह इस बार भी ठंड के मौसम में पॉल्यूशन का ग्राफ तेजी से बढ़ा है। GRAP-3 लागू होने के बावजूद राहत की उम्मीद तभी है जब नागरिक और प्रशासन मिलकर इस चुनौती से निपटेंगे। जब तक हवा में सुधार नहीं आता, तब तक मास्क पहनना और घर से काम करना ही सबसे सुरक्षित उपाय है।









