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घर खरीदें या किराए पर रहें? एक्सपर्ट ने खत्म कर दी सालों पुरानी बहस, जान लें क्या है समझदारी भरा फैसला

क्या आपको घर खरीदना चाहिए या किराए पर रहना चाहिए? यह सालों पुरानी बहस अब खत्म! रियल एस्टेट और फाइनेंस एक्सपर्ट्स ने साफ कर दिया है कि किस स्थिति में क्या करना समझदारी भरा फैसला है। जानिए आपकी वर्तमान वित्तीय स्थिति और करियर के आधार पर कौन सा विकल्प आपके लिए सबसे सही है।

By Pinki Negi

घर खरीदें या किराए पर रहें? एक्सपर्ट ने खत्म कर दी सालों पुरानी बहस, जान लें क्या है समझदारी भरा फैसला
Buy vs Rent

प्रॉपर्टी की कीमतों में तेजी से वृद्धि हुई है, जिसके कारण यह चर्चा गर्म है कि घर खरीदना ज्यादा अच्छा है या किराए पर रहना। आजकल कई फाइनेंस एक्सपर्ट्स सलाह देते हैं कि होम लोन की EMI भरने के बजाय, किराए पर रहें और वही पैसा म्यूचुअल फंड में SIP के ज़रिए निवेश करें। हालांकि, यह सलाह हमेशा सही नहीं होती है! आखिर क्यों, यह समझना ज़रूरी है।

घर खरीदना हमेशा क्यों बेहतर है?

यदि आप आर्थिक रूप से सक्षम हैं, तो किराए पर रहने के बजाय घर खरीदना हमेशा एक फायदेमंद सौदा है। इसका सीधा कारण यह है कि समय के साथ आपकी होम लोन की EMI कम होती जाती है, जबकि घर का किराया लगातार बढ़ता रहता है। उदाहरण के लिए, नोएडा एक्सटेंशन में 5 साल में 2BHK फ्लैट का किराया ₹10,000 से बढ़कर लगभग ₹20,000 हो गया है। मकान मालिक आमतौर पर हर साल कम से कम 10% किराया बढ़ाते हैं, और बात न मानने पर घर खाली करने को कहते हैं। यह समस्या सिर्फ नोएडा में नहीं, बल्कि गुरुग्राम और बेंगलुरु जैसे देश के हर बड़े शहर में है, जहाँ बढ़ते किराए से लोग परेशान हैं।

होम लोन लेना किराए पर रहने से बेहतर क्यों?

प्रसिद्ध रियल एस्टेट विशेषज्ञ और अंतरिक्ष इंडिया के सीएमडी राकेश यादव के अनुसार, होम लोन लेकर घर खरीदना हमेशा फायदेमंद होता है। वह बताते हैं कि होम लोन की EMI समय के साथ कम होती है और यह 20-25 साल तक बढ़ती नहीं है, जबकि किराया हर साल बढ़ता रहता है। इसके अलावा, समय के साथ आपकी प्रॉपर्टी की कीमत भी बढ़ती जाती है। अगर आप 20 साल के किराए और EMI का हिसाब लगाएंगे, तो आपको पता चलेगा कि घर खरीदना ही सबसे बेहतर निवेश है क्योंकि अंत में आपकी संपत्ति की कीमत बढ़ चुकी होती है।

अपनी आय के अनुसार छोटा घर खरीदें

मेरा सुझाव है कि जैसे ही आपकी नौकरी शुरू हो, अपनी आय (Income) के हिसाब से किसी छोटे आकार का फ्लैट या डेवलप हो रहे इलाके में घर तुरंत खरीद लें। भले ही घर खरीदते समय वह महंगा लगे, लेकिन समय के साथ यह आपकी बड़ी पूंजी (Capital) बन जाएगी। बाद में आप इसे बेचकर आसानी से एक बड़ा घर खरीद सकते हैं। बहुत से लोग बड़े घर के इंतजार में छोटा घर भी नहीं खरीद पाते हैं, यह सबसे बड़ी गलती है। इस गलती से बचें और अपनी वित्तीय क्षमता के अनुसार घर खरीदने में देर न करें।

उदाहरण से समझे

आइए, दो अलग-अलग वित्तीय स्थितियों को समझते हैं। मान लीजिए मोहन कुमार ने ₹60 लाख का 2BHK फ्लैट खरीदा है। डाउन पेमेंट देने के बाद, उन्होंने ₹45 लाख का होम लोन लिया, जिसकी मासिक EMI अभी ₹41,000 आ रही है। वहीं दूसरी ओर, सोहन यादव ने एक अच्छे इलाके में 2BHK फ्लैट किराए पर लिया है, जिसके लिए वह हर महीने ₹35,000 चुकाते हैं। अब हम इन दोनों खर्चों की आगे की गणना देखेंगे।

पैरामीटरघर (EMI)किराया (सालाना 10% बढ़ोतरी शामिल नहीं)
मासिक खर्च₹41,000₹35,000
20 साल का कुल खर्च₹41,000 × 12 × 20 = ₹98.4 लाख₹35,000 × 12 × 20 = ₹84 लाख
प्रॉपर्टी की कीमत₹50 लाख (2015) → ₹80 लाख (2025)0
इनकम टैक्स छूटलगभग ₹3.5 लाख/साल (80C + 24b)0
नेट लाभ/सुरक्षासंपत्ति + कर लाभकेवल खर्च, कोई संपत्ति नहीं

घर खरीदें या किराए पर रहें? एक्सपर्ट की सलाह

रियल एस्टेट एक्सपर्ट्स के अनुसार, अगर आप अपने करियर की शुरुआत में हैं, नौकरी के कारण आपको बार-बार शहर बदलना पड़ता है, या आपके पास अभी डाउन पेमेंट के लिए पर्याप्त पैसे नहीं हैं, तो किराए पर रहना एक बेहतर विकल्प है। जिन लोगों की नौकरी अस्थिर (Unstable) है, उन्हें भी घर खरीदने से बचना चाहिए। हालांकि, जब आप किसी एक शहर में स्थायी रूप से बसने का मन बना लें, तब घर खरीदना आपके लिए फायदेमंद सौदा साबित होगा।

किराए पर रहने के 4 बड़े फायदे

  • कम प्रारंभिक लागत: आपको घर खरीदने के लिए बड़ी डाउन पेमेंट या अन्य भारी शुल्क (जैसे स्टाम्प ड्यूटी) नहीं देने पड़ते। शुरुआत में आपकी पूंजी बची रहती है।
  • नौकरी और शहर बदलने की आजादी: यदि आपकी नौकरी ऐसी है जिसमें आपको बार-बार शहर बदलना पड़ सकता है, तो किराए पर रहने से आप आसानी से कहीं भी जा सकते हैं, संपत्ति बेचने या किराएदार ढूंढने की झंझट नहीं रहती।
  • रखरखाव (Maintenance) की जिम्मेदारी नहीं: घर में कोई भी बड़ी खराबी (जैसे छत टपकना या पाइपलाइन की समस्या) आने पर, मरम्मत और रखरखाव का खर्च आमतौर पर मकान मालिक उठाता है।
  • वित्तीय लचीलापन: किराए पर रहने से आपके पास निवेश या अन्य जरूरतों के लिए अधिक लिक्विड कैश (नकद) उपलब्ध रहता है, क्योंकि आप होम लोन की EMI के बोझ से मुक्त होते हैं।
Author
Pinki Negi
GyanOK में पिंकी नेगी बतौर न्यूज एडिटर कार्यरत हैं। पत्रकारिता में उन्हें 7 वर्षों से भी ज़्यादा का अनुभव है। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत साल 2018 में NVSHQ से की थी, जहाँ उन्होंने शुरुआत में एजुकेशन डेस्क संभाला। इस दौरान पत्रकारिता के क्षेत्र में नए-नए अनुभव लेने के बाद अमर उजाला में अपनी सेवाएं दी। बाद में, वे नेशनल ब्यूरो से जुड़ गईं और संसद से लेकर राजनीति और डिफेंस जैसे कई महत्वपूर्ण विषयों पर रिपोर्टिंग की। पिंकी नेगी ने साल 2024 में GyanOK जॉइन किया और तब से GyanOK टीम का हिस्सा हैं।

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