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गुटखा-पान मसाला बनाने वालों पर पाबंदी की तैयारी! संसद में आ रहा नया सेस बिल, शीतकालीन सत्र में क्या होगा?

तंबाकू और पान मसाला उद्योग पर अब कड़ी पाबंदी लगने वाली है! सरकार शीतकालीन सत्र में गुटखा-पान मसाला बनाने वालों पर नया सेस बिल लाने की तैयारी में है। यह बिल न केवल सरकारी राजस्व बढ़ाएगा, बल्कि स्वास्थ्य और सुरक्षा को भी मजबूत करेगा। जानिए इस नए कानून के मुख्य प्रावधान क्या हैं और संसद में इस पर क्या बहस हो सकती है। पूरी जानकारी के लिए पढ़ें!

By Pinki Negi

गुटखा-पान मसाला बनाने वालों पर पाबंदी की तैयारी! संसद में आ रहा नया सेस बिल, शीतकालीन सत्र में क्या होगा?
गुटखा-पान मसाला

केंद्र सरकार अब गुटखा और पान मसाला बनाने वाले उद्योगों पर सख्त कार्रवाई करने जा रही है। इन उत्पादों के बढ़ते इस्तेमाल, स्वास्थ्य जोखिमों और टैक्स चोरी की शिकायतों को देखते हुए, सरकार एक नया और कड़ा वित्तीय प्रावधान लागू करने की तैयारी में है। सरकार ‘नेशनल सिक्योरिटी और जन स्वास्थ्य सेस’ नाम का नया टैक्स लगाने की योजना बना रही है। इससे न केवल इन उत्पादों के निर्माताओं पर नियंत्रण मज़बूत होगा, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा और जन स्वास्थ्य मिशनों के लिए अतिरिक्त पैसा भी इकट्ठा किया जा सकेगा।

नया ‘हेल्थ सिक्योरिटी सेस बिल 2025’

सरकार का मानना ​​है कि संसद के आने वाले शीतकालीन सत्र में पेश होने वाला ‘हेल्थ सिक्योरिटी से नेशनल सिक्योरिटी सेस बिल 2025’ एक बहुत ही महत्वपूर्ण आर्थिक सुधार है। इस बिल का मुख्य उद्देश्य देश के स्वास्थ्य और सुरक्षा से जुड़े सिस्टम और ढांचे को और ज़्यादा मज़बूत बनाना है।

‘हेल्थ सिक्योरिटी सेस बिल 2025’ की 9 मुख्य बातें

  1. पेशकश: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इस बिल को लोकसभा में रखेंगी। इसका उद्देश्य राष्ट्रीय सुरक्षा और स्वास्थ्य योजनाओं के लिए अतिरिक्त धन जुटाना है।
  2. सेस का आधार: नया सेस गुटखा-पान मसाला बनाने वाली मशीनों और उनकी उत्पादन क्षमता पर लगेगा, न कि तैयार उत्पाद की मात्रा पर।
  3. अनिवार्य भुगतान: मशीन या हाथ से उत्पादन करने वाले सभी निर्माताओं को हर महीने यह सेस देना अनिवार्य होगा; हाथ से उत्पादन करने वालों के लिए भी फिक्स्ड मासिक शुल्क तय होगा।
  4. फंड का उपयोग: संसद से मंजूरी मिलने के बाद, इस सेस से जुटाई गई राशि राष्ट्रीय सुरक्षा और पब्लिक हेल्थ प्रोजेक्ट्स पर खर्च की जाएगी।
  5. सेस दोगुना करने का अधिकार: जरूरत पड़ने पर सरकार के पास इस सेस को दोगुना करने का अधिकार होगा।
  6. सज़ा का प्रावधान: नियमों का पालन न करने पर 5 साल तक की जेल की सजा हो सकती है, हालांकि कंपनियाँ सुप्रीम कोर्ट तक अपील कर सकेंगी।
  7. अनिवार्य रजिस्ट्रेशन: हर गुटखा-पान मसाला निर्माता को अनिवार्य रूप से रजिस्ट्रेशन कराना होगा; इसके बिना उत्पादन करना अवैध माना जाएगा।
  8. मासिक रिटर्न और ऑडिट: जिन कंपनियों पर सेस लागू होगा, उन्हें मासिक रिटर्न दाखिल करना अनिवार्य है; सरकारी अधिकारी जाँच और ऑडिट कर सकेंगे।
  9. सेस में छूट: यदि कोई मशीन या उत्पादन प्रक्रिया 15 दिनों से अधिक बंद रहती है, तो उस अवधि के लिए सेस में छूट मिल सकती है।
Author
Pinki Negi
GyanOK में पिंकी नेगी बतौर न्यूज एडिटर कार्यरत हैं। पत्रकारिता में उन्हें 7 वर्षों से भी ज़्यादा का अनुभव है। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत साल 2018 में NVSHQ से की थी, जहाँ उन्होंने शुरुआत में एजुकेशन डेस्क संभाला। इस दौरान पत्रकारिता के क्षेत्र में नए-नए अनुभव लेने के बाद अमर उजाला में अपनी सेवाएं दी। बाद में, वे नेशनल ब्यूरो से जुड़ गईं और संसद से लेकर राजनीति और डिफेंस जैसे कई महत्वपूर्ण विषयों पर रिपोर्टिंग की। पिंकी नेगी ने साल 2024 में GyanOK जॉइन किया और तब से GyanOK टीम का हिस्सा हैं।

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