
पालतू जानवरों के लिए अब भारत में डॉग लाइसेंस बनवाना कई शहरों में अनिवार्य हो गया है। हाल ही में लखनऊ नगर निगम ने घर-घर जाकर डॉग लाइसेंस की जांच की और जिनके पास यह नहीं था, उनसे जुर्माना वसूला गया। यह कदम इसलिए उठाया जा रहा है ताकि पेट्स का रजिस्ट्रेशन और सही तरीके से देखभाल सुनिश्चित की जा सके। आइए जानते हैं कि डॉग लाइसेंस की जरूरत क्यों है और इसे कैसे बनवाया जाता है।
भारतीय शहरों में डॉग लाइसेंसिंग की बढ़ती जरूरत
भारत में पेट ओनर्स की संख्या तेजी से बढ़ रही है। 2023 तक देश में लगभग 3.1 करोड़ कुत्ते और 24 लाख बिल्लियां थीं, और यह संख्या आने वाले समय में और भी बढ़ेगी। इसी कारण कई मेट्रो शहरों जैसे दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, चेन्नई और लखनऊ में पालतू जानवरों के लिए डॉग लाइसेंस बनवाना अनिवार्य कर दिया गया है। यह फैसला न केवल स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिहाज से महत्वपूर्ण है, बल्कि इससे शहर में पालतू जानवरों की देखभाल भी बेहतर होती है।
डॉग लाइसेंस का महत्व और फायदे
डॉग लाइसेंस आपके पालतू जानवर की कानूनी पहचान साबित करता है। यह लाइसेंस आपको कई तरह के फायदे देता है:
- आपके पेट का टीकाकरण और मेडिकल रिकॉर्ड सुरक्षित रहता है।
- अगर आपका पालतू जानवर खो जाता है, तो उसे वापस पाने की संभावना बढ़ जाती है।
- लाइसेंस होने के कारण आप जुर्माना या जानवर जब्त करने जैसी दिक्कतों से बच जाते हैं।
- इससे नगर निगम के अधिकारी भी पालतू जानवरों की स्थिति और संख्या का सही आंकड़ा रख पाते हैं, जिससे बेहतर व्यवस्थाएं बनाना आसान हो जाता है।
डॉग लाइसेंस कैसे बनवाएं?
डॉग लाइसेंस बनवाना आसान है और इसे आप नगर निगम की आधिकारिक वेबसाइट या संबंधित कार्यालय जाकर बनवा सकते हैं। आमतौर पर प्रक्रिया में आपको अपने पालतू की जानकारी, उसके टीकों का रिकॉर्ड, और पहचान के लिए कुछ दस्तावेज जमा करने होते हैं। ऑनलाइन आवेदन के विकल्प भी कई शहरों में उपलब्ध हैं, जिससे यह और भी सुविधाजनक हो जाता है।
- पहले अपने शहर की नगर निगम वेबसाइट पर जाएं।
- पालतू जानवर के लिए डॉग लाइसेंस फॉर्म भरें।
- पालतू के टीकाकरण और मेडिकल रिकॉर्ड अपलोड करें।
- फीस का भुगतान करें, जो सामान्यत: कुछ सौ रुपये होती है।
- लाइसेंस जारी होने के बाद उसे संभालकर रखें।
जुर्माना और नियमों का उल्लंघन
अगर आपने अपने पालतू जानवर का लाइसेंस नहीं बनवाया है, तो नगर निगम या पशु नियंत्रण विभाग द्वारा भारी जुर्माना लगाया जा सकता है। लखनऊ में तो कुछ मामलों में 24,000 रुपये तक का जुर्माना भी वसूला गया है। ऐसे में यह महत्वपूर्ण है कि आप समय पर लाइसेंस बनवाएं और अपनी जिम्मेदारी समझें।
बढ़ती जिम्मेदारी के साथ सुरक्षित पालतू पालन
पेट रखना सिर्फ प्यार जताने का तरीका नहीं, बल्कि उसके सही देखभाल और कानूनों का पालन करना भी जरूरी है। डॉग लाइसेंसिंग यह सुनिश्चित करती है कि आपके पालतू का स्वास्थ्य और सुरक्षा सुनिश्चित हो। साथ ही यह आपको कानूनी तौर पर भी सुरक्षित रखता है। इसलिए अगर आप पालतू जानवर रखते हैं, तो जल्द से जल्द अपने शहर के नियमों के अनुसार डॉग लाइसेंस बनवाएं और जिम्मेदारी से पालतू पालन करें। इससे न सिर्फ आपका पेट सुरक्षित रहेगा, बल्कि समाज में भी सकारात्मक संदेश जाएगा।









