
बहुत से लोग ये मानते हैं कि ज्यादा रनिंग करने से घुटने खराब हो जाते हैं। सोशल मीडिया पर भी अक्सर ऐसे दावे दिख जाते हैं कि “घुटनों की सेहत बचानी है तो दौड़ो मत”। लेकिन अब रिसर्च और डॉक्टर कुछ और ही कह रहे हैं। आधुनिक वैज्ञानिक अध्ययनों के अनुसार, अगर रनिंग सही तकनीक से और सीमित मात्रा में की जाए, तो घुटनों को नुकसान नहीं होता बल्कि वे और मजबूत बनते हैं।
रनिंग कैसे रखती है घुटनों को फिट
जब हम दौड़ते हैं, तो सिर्फ कैलोरी ही नहीं जलतीं, बल्कि शरीर के अंदर कई सकारात्मक बदलाव होते हैं।
- घुटनों की Cartilage को पोषण मिलता है:
Cartilage यानी उपास्थि घुटने के अंदर एक तरह की कुशनिंग है जो हड्डियों को एक-दूसरे से रगड़ने से बचाती है। रनिंग के दौरान दबाव और गति से घुटनों में synovial fluid का प्रवाह बढ़ता है। यह वही पोषक द्रव है जो Cartilage को हेल्दी रखता है। - मांसपेशियों की ताकत बढ़ती है:
हर स्टेप के साथ thigh और hip muscles मजबूत होती हैं। ये मांसपेशियां घुटनों को सपोर्ट देती हैं और चोटों की संभावना घटाती हैं। मजबूत मांसपेशियां घुटनों के चारों तरफ एक तरह का प्रोटेक्टिव कवच बना देती हैं। - सूजन और दर्द में कमी:
कुछ मेडिकल स्टडीज़ बताती हैं कि नियमित रनिंग से शरीर में सूजन पैदा करने वाले cytokines कम हो जाते हैं। यानी, हल्की-फुल्की दौड़ joint inflammation घटा सकती है। - वजन नियंत्रण से राहत:
Overweight होना घुटनों पर दबाव डालता है। रनिंग वजन कंट्रोल रखने में मदद करती है, जिससे joints पर लोड कम होता है और उम्र के साथ होने वाली दिक्कतें देर से या बिल्कुल नहीं होतीं। - कम होता है ऑस्टियोआर्थराइटिस का खतरा:
कई अंतरराष्ट्रीय रिसर्च में ये पाया गया है कि नियमित, moderate रनिंग करने वाले लोग—जो सिर्फ फिटनेस के लिए jog करते हैं—उनमें non-runners की तुलना में arthritis का खतरा 40-50% तक कम होता है।
ध्यान रखने वाली जरूरी बातें
रनिंग के फायदे तभी तक हैं जब तक आप उसे समझदारी से करें। बेवजह ओवरट्रेनिंग या गलत तरीके से दौड़ना ghutno के लिए हानिकारक हो सकता है। इसलिए कुछ बातें हमेशा याद रखें:
- Running technique सही रखें: कदमों की गति, body posture और जमीन पर उतरने का तरीका बहुत मायने रखता है। flat-foot या heal-heavy landing से बचें।
- Good shoes पहनें: Quality वाले cushioned रनिंग शूज़ आपके joints को extra protection देते हैं। पुराने या घिसे-पिटे shoes नुकसान पहुंचा सकते हैं।
- धीरे-धीरे दूरी बढ़ाएं: अचानक लंबी दूरी या स्पीड बढ़ाने से मांसपेशियों और लिगामेंट्स पर दबाव आता है। हर हफ्ते सिर्फ 10% दूरी बढ़ाना सुरक्षित माना जाता है।
- Cross-training अपनाएं: रनिंग के साथ-साथ strength training, cycling या swimming भी करें। ये घुटनों को मजबूत बनाते हुए संतुलन बनाए रखता है।
- Recovery जरूरी है: हर रन के बाद शरीर को आराम दें। मसल रिकवरी का समय न मिलने पर चोट का खतरा बढ़ जाता है।
- Body signals पर ध्यान दें: अगर रनिंग के दौरान या बाद में लगातार दर्द महसूस हो, तो इग्नोर न करें। Sports doctor या orthopedic specialist से चेकअप जरूर कराएं।
असल में रनिंग दुश्मन नहीं, दोस्त है
घुटनों के लिए सबसे ज्यादा नुकसानदेह चीज है बैठे रहना Sedentary lifestyle यानी घंटों एक जगह बैठे रहना joints को कमजोर करता है। इसके उलट, हल्की-फुल्की दौड़, brisk walking या jog घुटनों की mobility और मांसपेशियों की ताकत बनाए रखती है। वास्तव में, रनिंग “घुटने को घिसने” वाली नहीं, बल्कि “घुटने को पोषण देने” वाली गतिविधि है, बस इसे सही तरीके से, सही जूतों और संयम के साथ करें।









