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UP Schools New System: सरकारी स्कूलों में शुरू हुआ नया सिस्टम, अब महीने में 10 दिन बिना बस्ते के जाना होगा स्कूल

यूपी के सरकारी स्कूलों में पढ़ाई का नया सिस्टम शुरू हो गया है! अब बच्चों को महीने में 10 दिन बिना बस्ते (बैग) के स्कूल जाना होगा। इस "बैगलेस डे" पहल से छात्रों के व्यक्तित्व विकास और खेल-खेल में शिक्षा पर ज़ोर दिया जाएगा। नियमों और फायदों को जानने के लिए आगे पढ़ें।

By Pinki Negi

UP Schools New System: सरकारी स्कूलों में शुरू हुआ नया सिस्टम, अब महीने में 10 दिन बिना बस्ते के जाना होगा स्कूल
UP Schools New System

उत्तर प्रदेश के परिषदीय प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों में अब हर साल 10 ‘बैगलेस डे’ होंगे, यानी इन दिनों छात्रों को बिना बस्ते के स्कूल आना होगा। इस नई पहल का उद्देश्य बच्चों को तनावमुक्त माहौल में गतिविधि-आधारित शिक्षा देना है। इसके तहत, हर शनिवार को स्कूलों में ‘मस्ती की पाठशाला’ लगेगी, जिसके लिए राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (SCERT) द्वारा ‘आनंदम मार्गदर्शिका’ तैयार की गई है।

शिक्षा सत्र 2025-26 के लिए ‘बैगलेस डे’ और गतिविधियाँ

महानिदेशक, स्कूल शिक्षा मोनिका रानी ने शैक्षिक सत्र 2025-26 के लिए कैलेंडर जारी कर दिया है, जिसे तुरंत लागू किया गया है। इसके तहत, “बैगलेस डे” का आयोजन किया जाएगा, जिसके लिए शनिवारों को निश्चित किया गया है: इस महीने (नवंबर) के सभी शनिवार, दिसंबर के चारों शनिवार, जनवरी के तीसरे व चौथे शनिवार, और फरवरी के पहले व दूसरे शनिवार। इन दिनों स्कूलों में गतिविधि-आधारित शिक्षण (जैसे स्पोर्ट्स, प्रोजेक्ट, क्विज़ प्रतियोगिता, क्लब गठन, और शैक्षिक भ्रमण) कराया जाएगा, ताकि बच्चे ‘करके सीखने’ (Learning by Doing) पर जोर दें।

‘बैगलेस डे’ के 7 मुख्य उद्देश्य

‘बैगलेस डे’ पहल के माध्यम से सात मुख्य लक्ष्य पूरे किए जाएँगे। इसका उद्देश्य बच्चों को खुशहाल माहौल में सीखने और व्यावहारिक (Hands-on) एवं अनुभवजन्य शिक्षा देना है। इस पहल से विद्यार्थियों का शारीरिक और मानसिक विकास होगा, उनमें असली जीवन की चीज़ों को समझने की क्षमता विकसित होगी, और वे समाज से जुड़ना सीख पाएँगे। साथ ही, वे स्थानीय कारीगरों और व्यवसायों को समझकर भविष्य की चुनौतियों के लिए बेहतर ढंग से तैयार हो सकेंगे।

‘बैगलेस डे’ में राष्ट्रीय संकल्पनाओं पर जागरूकता

स्कूलों में ‘बैगलेस डे’ (Bagless Day) के दौरान छात्रों को राष्ट्रीय संकल्पनाओं जैसे आत्मनिर्भर भारत, स्वदेशी, वोकल फॉर लोकल, और ओडीओपी (ODOP) की अवधारणाओं के प्रति जागरूक किया जाएगा। जिन स्कूलों ने जानकारी की कमी के कारण इस शनिवार को ‘बैगलेस डे’ आयोजित नहीं किया है, वे जारी कैलेंडर के अलावा आगे आने वाले शनिवारों में इसे आयोजित कर सकते हैं।

प्राथमिक स्कूलों के लिए ‘आनंदम’ मार्गदर्शिका

प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों के लिए एक नई मार्गदर्शिका ‘आनंदम’ तैयार की गई है, जिसमें कुल 34 विषय और गतिविधियाँ शामिल हैं। इन गतिविधियों को तीन मुख्य भागों में बाँटा गया है: विज्ञान, पर्यावरण व प्रौद्योगिकी, सार्वजनिक कार्यालय, स्थानीय उद्योग व व्यवसाय, और कला, संस्कृति व इतिहास। ‘बैगलेस डे’ के दौरान, इसी मार्गदर्शिका के अनुसार कार्यक्रम आयोजित किए जाएँगे, जहाँ छात्रों को खेल-खेल में जीवन कौशल, अपनी संस्कृति और इतिहास की शिक्षा दी जाएगी।

अभिभावकों की भागीदारी और जागरूकता

‘बैगलेस डे’ के कार्यक्रमों में अभिभावकों को भी शामिल किया जाएगा। उन्हें स्कूल में आमंत्रित करके यह बताया जाएगा कि पढ़ाई के साथ-साथ वे अपने बच्चों के व्यक्तित्व का संपूर्ण विकास किस तरह कर सकते हैं। यह कदम माता-पिता को बच्चों की शिक्षा और विकास के प्रति और अधिक जागरूक करने के लिए उठाया गया है।

Author
Pinki Negi
GyanOK में पिंकी नेगी बतौर न्यूज एडिटर कार्यरत हैं। पत्रकारिता में उन्हें 7 वर्षों से भी ज़्यादा का अनुभव है। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत साल 2018 में NVSHQ से की थी, जहाँ उन्होंने शुरुआत में एजुकेशन डेस्क संभाला। इस दौरान पत्रकारिता के क्षेत्र में नए-नए अनुभव लेने के बाद अमर उजाला में अपनी सेवाएं दी। बाद में, वे नेशनल ब्यूरो से जुड़ गईं और संसद से लेकर राजनीति और डिफेंस जैसे कई महत्वपूर्ण विषयों पर रिपोर्टिंग की। पिंकी नेगी ने साल 2024 में GyanOK जॉइन किया और तब से GyanOK टीम का हिस्सा हैं।

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