
उत्तराखंड राज्य में लगभग 6500 शिक्षक-कर्मचारियों ने कानूनी लड़ाई जीतकर पुरानी पेंशन योजना (OPS) का लाभ प्राप्त किया है। ये वे कर्मचारी हैं जिनके पदों से संबंधित विज्ञापन 1 अक्टूबर 2005 से पहले जारी हुए थे। भारत सरकार के निर्णय और राज्य सरकार के प्रभावी कदम के बाद उन्हें यह लाभ मिला। अब, राज्य के महालेखाकार ने आहरण-वितरण अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति (Retirement) से छह महीने पहले ही उनके जीपीएफ (GPF) कटौती को रोक दिया जाए, ताकि नियमों का सही पालन हो सके।
समय पर और सही दस्तावेज़ भेजना ज़रूरी
कार्यालयों को यह निर्देश दिया गया है कि वित्तीय कागजात (जैसे जीपीएफ और पेंशन से संबंधित दस्तावेज़) समय पर और बिना किसी गलती के अपलोड किए जाएँ। यह इसलिए ज़रूरी है क्योंकि कागजात देर से या अधूरे होने के कारण कई मामले कोर्ट तक पहुँच रहे हैं। एक गंभीर चिंता यह भी जताई गई कि राज्य में 47 मामलों में कर्मचारियों का 90 प्रतिशत पैसा महालेखाकार कार्यालय से कागज़ातों का मिलान किए बिना ही रिलीज़ कर दिया गया था, जिससे वित्तीय नियमों के उल्लंघन की बात सामने आती है।
कर्मचारियों के लिए वित्तीय जागरूकता कार्यशाला
शुक्रवार को, नैनीताल क्लब में एक वित्तीय जागरूकता कार्यशाला आयोजित की गई थी। इस कार्यशाला का आयोजन भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (CAG) के साथ मिलकर राज्य के महालेखाकार (लेखा एवं हकदारी) ने किया था। इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में आहरण-वितरण, कोषागार अधिकारी, बजट प्रभारी समेत डेढ़ सौ से ज़्यादा सरकारी कर्मचारियों ने भाग लिया। इसका मुख्य उद्देश्य कर्मचारियों को वित्तीय नियमों और जागरूकता के बारे में जानकारी देना था।
डिप्टी सीएजी जयंत सिन्हा ने कहा
भारत सरकार के डिप्टी सीएजी जयंत सिन्हा ने कहा कि राज्य सरकार के सहयोग से आयोजित यह कार्यक्रम संस्थागत क्षमता बढ़ाने और वित्तीय प्रबंधन को मजबूत करने की दिशा में एक बहुत महत्वपूर्ण कदम है। इस अवसर पर डीएम ललित मोहन रयाल और डिप्टी महालेखाकार परवेज आलम सहित डीडीओ, एसडीएम, तहसीलदार तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी और कर्मचारी भी उपस्थित रहे।
सेवानिवृत्त कर्मचारियों को जीपीएफ-पेंशन का तुरंत भुगतान
हाल ही में आयोजित एक कार्यशाला के दौरान, भारत सरकार के डिप्टी सीएजी जयंत सिन्हा और राज्य के महालेखाकार परवेज आलम ने स्वास्थ्य विभाग से सेवानिवृत्त हुए तीन कर्मचारियों—प्रभा आर्य, राम चंद्र और भास्कर नौटियाल—को उनके जीपीएफ (GPF) और पेंशन का भुगतान तुरंत (हाथों-हाथ) किया। ये कर्मचारी अक्टूबर महीने में सेवानिवृत्त हुए थे। इस अवसर पर, आहरण-वितरण अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने को कहा गया कि वे वित्तीय नियमों का सख्ती से पालन करें और सिटीजन चार्टर के तहत अपना काम पूरा करें।








