
उत्तराखंड सरकार ने पर्यावरण की सुरक्षा और स्वच्छता बनाए रखने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। अब राज्य में बाहर से आने वाले सभी वाहनों पर ‘ग्रीन टैक्स’ लगाया जाएगा। सरकार का अनुमान है कि इस टैक्स से हर साल खजाने में 100 से 150 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व जमा होगा, जिसका उपयोग पर्यावरण से जुड़े कार्यों में किया जाएगा।
बाहरी वाहनों पर लगेगा ‘ग्रीन टैक्स’
परिवहन विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, विभाग ने कहा है कि इस टैक्स से इकट्ठा की गई राशि का उपयोग वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने, पर्यावरण की रक्षा करने और राज्य में स्वच्छता बढ़ाने के लिए किया जाएगा। वाहनों के प्रकार के आधार पर टैक्स की दरें तय की गई हैं: छोटे वाहनों पर ₹80, मालवाहक वाहनों पर ₹250, बसों पर ₹140, जबकि ट्रकों पर उनके वजन के हिसाब से ₹120 से लेकर ₹700 तक शुल्क लिया जाएगा।
इन वाहनों को नहीं देना होगा टैक्स
सरकार ने कई तरह के वाहनों को इस नए टैक्स से छूट दी है। इस लिस्ट में दोपहिया वाहन (बाइक), इलेक्ट्रिक वाहन, CNG वाहन और उत्तराखंड में रजिस्टर्ड वाहन शामिल हैं। इसके अलावा, एम्बुलेंस और दमकल जैसी आपातकालीन सेवाओं में लगे वाहनों को भी यह टैक्स नहीं देना होगा। एक और बड़ी राहत यह है कि यदि कोई वाहन 24 घंटे के भीतर राज्य में दोबारा प्रवेश करता है, तो उसे दोबारा टैक्स नहीं चुकाना पड़ेगा।
इन तरह करना होगा भुगतान
परिवहन विभाग के एडिशनल कमिश्नर एस.के. सिंह ने बताया है कि उत्तराखंड की सीमाओं पर लगाए गए ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन (ANPR) कैमरे राज्य में आने वाले सभी वाहनों के रजिस्टर्ड नंबर रिकॉर्ड कर रहे हैं। NDTV के अनुसार, पहले 16 ANPR कैमरे लगे थे, जिनकी संख्या अब बढ़ाकर 37 कर दी गई है। उन्होंने यह भी बताया कि ग्रीन टैक्स वसूलने का काम परिवहन विभाग ने एक निजी वेंडर कंपनी को ठेके पर दिया है।
नई ऑटोमेटिक सिस्टम लागू
ग्रीन टैक्स वसूलने के लिए एक नई स्वचालित (ऑटोमेटिक) प्रणाली लागू की जा रही है। इसके तहत, ANPR कैमरों से मिला डेटा एक वेंडर कंपनी को भेजा जाएगा। यह कंपनी उत्तराखंड में रजिस्टर्ड सरकारी और दोपहिया वाहनों को छाँट देगी। इसके बाद, अन्य राज्यों से आने वाले वाहनों का डेटा NPCI (भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम) को भेजा जाएगा। NPCI द्वारा वाहन मालिकों के वॉलेट नंबरों की पहचान की जाएगी, और ग्रीन टैक्स अपने आप कटकर सीधे परिवहन विभाग के खाते में जमा हो जाएगा।








