
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने साफ़ कहा है कि आतंकवाद, संगठित अपराध, साइबर और आर्थिक अपराधों में शामिल होकर देश छोड़कर भागे हुए अपराधियों को छोड़ा नहीं जाएगा। उनके खिलाफ अब और सख्ती बरती जाएगी। ऐसे भगोड़ों पर रेड कॉर्नर नोटिस जारी होने के साथ ही, उनके पासपोर्ट रद्द कर दिए जाएंगे, ताकि वे कानूनी रूप से एक देश से दूसरे देश में यात्रा न कर सकें।
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा
सीबीआई के एक सम्मेलन में गृह मंत्री अमित शाह ने कहा की देश के हर राज्य में कम से कम एक ऐसी स्पेशल जेल बनानी चाहिए जो अंतरराष्ट्रीय मानकों पर खरी उतरती हो। उनका मानना है कि ऐसा करने से उन भगोड़ों की दलीलों को खारिज किया जा सकेगा जो विदेशी अदालतों में भारत की जेलों में सुविधाओं के निम्न स्तर का हवाला देकर अपने प्रत्यर्पण (Extradition) को रोकते हैं।
समन्वय फोकस ग्रुप बनाने की तैयारी
गृह मंत्री ने यह भरोसा दिलाया कि 2027 के बाद किसी भी FIR से जुड़े मामले में, निचली अदालत से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक 3 साल के भीतर न्याय मिल सकेगा। उन्होंने सभी राज्यों के पुलिस अधिकारियों से कहा कि वे नारकोटिक्स, आतंकवाद, गैंगस्टर, आर्थिक और साइबर अपराधों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए एक समन्वय फोकस ग्रुप बनाएँ। इस ग्रुप के काम को IB और CBI, मल्टी एजेंसी सेंटर (MAC) के माध्यम से आगे बढ़ाएँगे।
भ्रष्टाचार, अपराध और आतंकवाद के खिलाफ होगी सख्त करवाई
गृह मंत्री ने बताया कि सरकार भ्रष्टाचार, अपराध और आतंकवाद के साथ-साथ, विदेशों से सिंडिकेट बनाकर काम कर रहे गैंगस्टरों और अपराधियों के खिलाफ भी बेहद सख्त रहेगा। उन्होंने जोर दिया कि अपराधियों की गति कितनी भी तेज़ क्यों न हो, न्याय की प्रक्रिया उससे भी तेज़ होनी चाहिए। जुलाई 2024 से लागू होने वाले तीनों नए आपराधिक कानूनों का हवाला देते हुए, उन्होंने बताया कि अब आज़ादी के बाद पहली बार यह प्रावधान किया गया है कि भगोड़े अपराधियों की अनुपस्थिति में भी उन पर मुकदमा चलाया जा सकेगा; इससे दोषी सिद्ध होने पर अंतर्राष्ट्रीय कानूनों के तहत उनकी स्थिति में बड़ा बदलाव आएगा।
पिछले चार साल में दो अरब डॉलर की संपत्ति जब्त
केंद्र सरकार ने भगोड़े आर्थिक अपराधी अधिनियम 2018 को लागू करके भगोड़ों की संपत्ति जब्त करने का अधिकार हासिल किया है। इस कानून के बनने के बाद से, पिछले लगभग चार सालों में करीब दो अरब डॉलर की संपत्ति जब्त की गई है, और 2014 से 2023 के बीच यह कुल ज़ब्ती 12 अरब डॉलर तक पहुँच गई है। इसके अलावा, धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) को भी मज़बूत किया गया है।
विदेश भाग चुके भगोड़ों को वापस लाने के लिए, जो कि सीबीआई की ज़िम्मेदारी है, हर राज्य को उसकी मदद से एक खास ‘स्पेशल सेल यूनिट’ बनानी चाहिए। यह यूनिट राज्य से भागे हुए अपराधियों को वापस लाने का एक व्यवस्थित तरीका बनाएगी। इस काम में सहायता के लिए, सीबीआई ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पुलिस बलों के साथ मिलकर भगोड़ों की जानकारी पर तुरंत तालमेल बिठाने के लिए एक ‘ग्लोबल ऑपरेशन सेंटर (GOC)’ भी बनाया है।